दूसरों की भाषा व संस्कृति में पहचान बनाना कठिन

पाकुड़ झारखंड बंगाली समिति की ओर से स्थानीय मध्य विद्यालय धनुषपूजा में शनिवार को बंगला क्विज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 08:15 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 08:15 PM (IST)
दूसरों की भाषा व संस्कृति में पहचान बनाना कठिन
दूसरों की भाषा व संस्कृति में पहचान बनाना कठिन

पाकुड़ : झारखंड बंगाली समिति की ओर से स्थानीय मध्य विद्यालय धनुषपूजा में शनिवार को बंगला क्विज विजेता प्रतिभागियों का पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। उद्घाटन जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गा नंद झा व समिति के संरक्षक अधिवक्ता निरंजन घोष ने संयुक्त रुप से किया। क्विज का आयोजन 21 सितंबर को भारत सेवाश्रम परिसर में हुआ था।

इस मौके पर डीएसई ने कहा कि बच्चों में अपनी भाषा, परंपरा व संस्कृति का पहचान रहे इसके लिए समय-समय पर इस तरह का कार्यक्रम आयोजन होना जरूरी है। क्योंकि आज के दौर और विज्ञान युग में बच्चे अपनी भाषा एवं संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। कहा कि दूसरों की संस्कृति व भाषा का ज्ञान यदि उसमें अच्छाई हो तो स्वीकार करना चाहिए। कोई अपनी मातृभाषा की जानकारी रखते हुए अन्य भाषाओं की जानकारी रखता है तो गौरव की बात है। लेकिन आज लोग अपनी भाषा व संस्कृति को भूलकर दूसरों की भाषा संस्कृति में पहचान बनाना चाहते है। अंत में डीएसई ने प्रतियोगिताओं को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अध्यक्ष मनीरुद्दीन अहमद, सचिव सोमनाथ दास, व्याकुलचंद्र साधु, जगन्नाथ मंडल, मुकुल भट्टाचार्य, चन्द शेखर सिंह, शुभेंदु मंडल, संतोष नाग, पंचाननद सरकार, सर्वेश्वर साधु तथा शिक्षक एवं अभिभावक आदि उपस्थित थे।

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इन विद्यालयों के छात्रों को किया गया पुरस्कृत

सीनियर में

- श्रुति तिवारी व आरफिन शराफ- प्रथम -आरजेएम हाई स्कूल पाकुड़

- आजीजा व आसेमा- द्वितीय- यूएचएस, अंजना

- नाजिमा व जाविर-तृतीय- यूएचएस, इलामी

जूनियर में

-सूखतारा व मोताकाब्बेर-प्रथम-बंगला मिशन

- जुहिना व आफीका-द्वितीय- मवि अंजना

- फरहाना व माकसुदुर मवि रहसपुर

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