जनजाति समाज का अस्तित्व खत्म करना चाहती मिशनरियां

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : शहर के सिदो-कान्हु पार्क के समीप बुधवार को जनजाति सुरक्षा मंच ने

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 07:03 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 07:03 AM (IST)
जनजाति समाज का अस्तित्व खत्म करना चाहती मिशनरियां
जनजाति समाज का अस्तित्व खत्म करना चाहती मिशनरियां

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : शहर के सिदो-कान्हु पार्क के समीप बुधवार को जनजाति सुरक्षा मंच ने धरना दिया। मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा ने कहा कि जनजाति समाज को सनातन धर्म संस्कृति से तोड़ने व इसे समाप्त करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश हो रही है। ईसाई मिशनरी के लोग भोले भाले आदिवासियों को प्रलोभन देकर उन्हें धर्म बदलने को विवश कर रहे हैं। कुछ लोग प्रचार कर रहे हैं कि जनजातियों का धर्म नहीं है। इससे बड़ा कोई झूठ व पाप नहीं हो सकता। आगे बढ़कर यही लोग धर्म कोड की मांग भी करते हैं ताकि जनजाति समाज भी अपने मूल से हटकर उनके जैसा अल्पसंख्यक में अपना नाम गिना सके। उन्होंने कहा कि हम सभी वास्तव में दिखने वाले भगवान को मानते हैं। हमारा देश भारत सनातन संस्कृति का राष्ट्र है। हमारा धर्म सनातन है। सनातन संस्कृति रूपी विशाल वटवृक्ष की शीतल छाया में हम सभी शांति से रह रहे हैं। कहा कि हम अपने समाज का शिकार करनेवालों को सहन नहीं करेंगे।

मंच के संयोजक दुर्गा मरांडी ने कहा कि पिछले 70 वर्ष से मूल जनजाति के साथ अन्याय हो रहा है। मंच की मुख्य मांग है कि जो व्यक्ति सनातन जनजातीय धर्म-संस्कृति को छोड़ चुके हैं, उन्हें जनजाति आरक्षण से वंचित कर दिया जाए।

धरना के बाद मंच की ओर से चार सूत्री मांगपत्र उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री रघुवर दास को प्रेषित किया गया। इसमें जनजाति समाज की जमीन ईसाई मिशनरियों के पास कैसे चली गई, इसकी जांच मांग की गई है। धरना में बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग शामिल हुए।

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