बेटी की हत्या कर निर्दोष पर मढ़ा आरोप

गणेश पांडेय पाकुड़ मुफस्सिल थाना क्षेत्र के इलामी बगानपाड़ा में पांच जून की रात एक पिता न

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 06:30 PM (IST)
बेटी की हत्या कर निर्दोष पर मढ़ा आरोप
बेटी की हत्या कर निर्दोष पर मढ़ा आरोप

गणेश पांडेय, पाकुड़ : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के इलामी बगानपाड़ा में पांच जून की रात एक पिता ने गला दबाकर अपनी बेटी अशिफा की हत्या कर दी थी। गुनाह छिपाने के लिए रफीकुल शेख ने दूसरे दिन गांव के ही निर्दोष युवक अनोत रविदास के खिलाफ मुकदमा ठोक दिया। पुलिस ने बिना जांच-पड़ताल किए अनोत को हिरासत में ले लिया। अनोत के साथ पुलिस कड़ाई से पेश आई। निर्दोष होने के कारण अनोत अंतिम समय तक यह कहता रहा कि उसे इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। बाद में पुलिस को पता चला कि हत्या मामले का असली गुनाहगार मृतका के पिता ही हैं। पुलिस ने गुनाहगार रफीकुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शुरूआत में मुफस्सिल थाना पुलिस यह मान बैठी थी कि नाबालिग लड़की की हत्या अनोत ने ही की है। अनोत को हिरासत में लेकर पुलिस ने अपनी पीठ भी थपथपाई थी। उस समय पुलिस को लगने लगा था कि घटना के तुरंत बाद मामले का पर्दाफाश भी हो गया। हालांकि इस मामले में पुलिस ने काफी जल्दबाजी दिखाई थी। ऐसा लग रहा था कि अनोत का जेल जाना लगभग तय है। पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए अनोत के साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की गई। पुलिस उनसे सिर्फ पूछताछ ही की थी। बिना जांच-पड़ताल के अनोत का नाम एफआइआर में घसीटे जाने से उनकी छवि दागदार हुई है। खैर मनाइए कि पुलिस अनोत को अंतिम समय तक जेल नहीं भेजी। अगर वह जेल चले जाते तो पुलिस की किरकिरी होना तय था। ऐसी चर्चा है कि वह मानवाधिकार आयोग की ओर कदम बढ़ाने वाले हैं।

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अनुसंधान में हटेगा अनोत का नाम

नाबालिग की हत्या मामले में अनोत रविदास का नाम उछला था। उनपर प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी। पुलिस का कहना है कि हत्या मामले के असली मुजरिम नाबालिग के पिता ही हैं। इसलिए अनोत को क्लीनचीट दी गई है। अनुसंधान में अनोत का नाम एफआइआर से हटेगा। पुलिस का यह भी कहना है कि निर्दोष को किसी भी कीमत पर जेल नहीं भेजा जाएगा।

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क्या था मामला

प्रेम प्रसंग के शक में रफीकुल ने पांच जून की रात अपनी बेटी आशिफा की हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप इलामी गांव के अनोत पर मढ़ दिया गया। पुलिस ने जब गंभीरता से तफ्तीश शुरू की तो अनुसंधानकर्ता के होश उड़ गए। पुलिस को यह जानकार आश्चर्य हुआ कि आशिफा की हत्या उनके पिता ने की है। पूछताछ में रफीकुल ने पुलिस को बताया था कि आशिफा का पड़ोस के ही असिम नामक युवक से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। बेटी के असिम से मिलना-जुलना अच्छा नहीं लग रहा था। आशिफा को समझाने का काफी प्रयास किया। घटना के दिन आशिफा रात 10 बजे घर लौटी तो गुस्सा बर्दाश्त नहीं कर सका। उनके साथ मारपीट करने लगे। अशिफा अपनी जान बचाने के लिए भागने लगी। भागने के क्रम में बरामदे में रखा साइकिल पर जा गिरी। वह रात उनकी जिदगी की आखिरी रात थी। पिता ने उसे पकड़कर घर के अंदर ले गया। आशिफा बार-बार जान बख्श देने की विनती करने लगी। परंतु रफीकुल ने यह सोच लिया था कि अब अशिफा को जीने नहीं देंगे। गला दबाकर उनकी हत्या कर दी गई। ------------------ वर्जन.. किसी भी निर्दोष को फंसाना पुलिस को काम नहीं है। पुलिस शक के आधार पर किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकती है। अनोत रविदास को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। हत्या मामले में अनोत का कोई हाथ नहीं रहने के कारण उसे क्लीनचीट दे दिया गया। अनुसंधान में उसका नाम हटेगा। अजीत कुमार विमल, एसडीपीओ, कुड़

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