गबन के आरोप में एम्टा कोल माइंस केअधिकारी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : भू-अर्जन की राशि गबन करने के आरोप में एम्टा के अधिकारी जेम्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 07:03 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 07:03 PM (IST)
गबन के आरोप में एम्टा कोल माइंस केअधिकारी गिरफ्तार
गबन के आरोप में एम्टा कोल माइंस केअधिकारी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : भू-अर्जन की राशि गबन करने के आरोप में एम्टा के अधिकारी जेम्स मुर्मू को पुलिस ने सोमवार को अमड़ापाड़ा से गिरफ्तार कर लिया। उसपर 23.68 लाख रुपए गबन करने का आरोप है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शशि प्रकाश ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इसका खुलासा किया। पूछताछ के बाद पुलिस ने जेम्स को जेल भेज दिया। एसडीपीओ शशि प्रकाश ने पुलिस अधीक्षक के आवासीय कार्यालय में बताया कि बंगाल एम्टा कोल माइंस के अधिकारी जेम्स मुर्मू कंपनी में भू-अर्जन से संबंधित कार्यों की देखरेख करता था। अमड़ापाड़ा प्रखंड के पचुवाड़ा मौजा के जमाबंदी नंबर 23 के खतियानी रैयत चेतन किस्कु, कारु किस्कु ने जेम्स के खिलाफ 23.68 लाख् रुपए गबन करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एसडीपीओ ने बताया कि जमाबंदी नंबर 23 के लगभग सात एकड़ जमीन का भू-अर्जन किया गया था। इसके एवज में भू-अर्जन कार्यालय द्वारा भारतीय स्टेट बैंक कुश्चिरा में 23.68 लाख रुपए जमा कराए गए, लेकिन जेम्स ने सही रैयत के नाम से खाता नहीं खुलवाकर शिवलाल किस्कु के नाम से बैंक में खाता खुलवा लिया। ताकि राशि का गबन किया जा सके। शिवलाल जमाबंदी नंबर 56 के खतियानी रैयत बुदराय किस्कु के वंशज है। असली रैयत के परिजनों ने बैंक से रुपए की निकासी नहीं करने की बात कही थी। जबकि जेम्स मुर्मू ने 16 जून 2017 को 1.60 लाख्, जेम्स के चालक के पिता सज्जाज अंसारी ने 1.32 लाख्, जेम्स मुर्मू के चालक मारशेल मरांडी ने 15 अप्रैल 2017 को 40 हजार व जेम्स की बहन रुथरानी मुर्मू ने 81 हजार रुपए की निकासी कर ली। इसी तरह 7 अप्रैल 2017 को जेम्स ने राशन दुकानदार विक्रम कुमार ¨सह के खाते में 18 हजार रुपए, 28 मार्च 2017 को राशन दुकानदार बाबुल कुमार के खाते में 25 हजार रुपए हस्तांतरित किया गया। जबकि 24 जुलाई को मिस्त्री सोरेन के नाम से चार लाख तथा बरसन किस्कु के नाम से 4.96 लाख रुपए हस्तांतरित किए गए। एसडीपीओ ने यह भी बताया कि जमाबंदी नंबर 23 के वारिश शिवलाल किस्कु नहीं हैं। इसलिए जमाबंदी नंबर 23 फौती हो चुका है। नियमानुसार भू-अर्जन का पैसा सरकारी खजाने में जमा होना चाहिए था। उन्होंने बताया कि जेम्स ने जमाबंदी नंबर 56 के वारिश शिवलाल किस्कु को जमाबंदी नंबर 23 का वारिश बतलाकर धोखे से भू-अर्जन का पैसा कुश्चिरा एसबीआई में हस्तांतरित करा दिया। एसडीपीओ ने बताया जमीन से संबंधित अन्य मामलों की पड़ताल की जा रही है। प्रेस वार्ता में पुलिस उपाधीक्षक आशीष महली व अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी मौजूद थे।

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