माओवादियों ने पुलिस के लिए बिछाया था जाल, निर्दोष ग्रामीणों के लिए बन गया काल

लोहरदगा में लैंड माइंस विस्फोट

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 07:42 PM (IST)
माओवादियों ने पुलिस के लिए बिछाया था जाल, निर्दोष ग्रामीणों के लिए बन गया काल
माओवादियों ने पुलिस के लिए बिछाया था जाल, निर्दोष ग्रामीणों के लिए बन गया काल

राकेश सिन्हा/विक्रम चौहान, लोहरदगा : भाकपा माओवादी के नक्सली संगठन के रीजनल कमेटी सदस्य और 15 लाख का इनामी रविद्र गंझू का दस्ता पुलिस को बड़ी चोट देने की फिराक में है। खुफिया तंत्र की मजबूती और पुलिस की ठोस रणनीति से नक्सली अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। बुलबुल जंगल में गुरुवार को प्रेशर आइईडी बम ब्लास्ट होने के बाद एक निर्दोष ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसका इलाज रांची रिम्स में चल रहा है। इस घटना में 4 ग्रामीण बाल-बाल बच गए। ग्रामीण सूप बनाने के लिए बुलबुल के जंगलों में बांस लाने के लिए गए थे, जहां माओवादियों द्वारा पुलिस को टारगेट कर पहले से बिछाए गए जाल में फंस गए।

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पुलिस की ठोस रणनीति

वह तो पुलिस की ठोस रणनीति एसपी प्रियदर्शी आलोक के बेहतर नेतृत्व का नतीजा है कि पुलिस बल के जवान नक्सलियों के बिछाए जाल में नहीं फंसे। पुलिस के जवानों ने हाल के समय में नक्सलियों को कई जख्म दिए हैं। जिससे गुस्साए नक्सलियों का दस्ता पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं। 9 दिसंबर को यही हुई थी मुठभेड़

लोहरदगा : विगत 9 दिसंबर को बुलबुल जंगल में माओवादियों के इस दस्ते के साथ पुलिस बल की मुठभेड़ हुई थी। उस दिन अभियान का नेतृत्व खुद एसपी प्रियदर्शी आलोक कर रहे थे। मुठभेड़ के बाद पुलिस की टीम ने सर्च अभियान चलाया, जिसमें एसपीओ दिलीप भगत की हत्या के आरोपित हार्डकोर नक्सली राजदेव भगत को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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पहले भी गई है जान

लोहरदगा में पहले भी माओवादियों द्वारा बिछाए गए लाइन माइंस की चपेट में आकर एक ग्रामीण की जान जा चुकी है। जबकि आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो चुके हैं।

------------------ पुलिस का इंतजार कर रहे थे माओवादी

लोहरदगा : माओवादियों के दस्ते ने वहां पर पहुंच कर शव और घायल के साथ-साथ चार अन्य ग्रामीणों को काफी देर तक रोक कर रखा। नक्सली यह इंतजार कर रहे थे कि जब पुलिस या कोई और इन्हें बचाने के लिए आएगा तो वह बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। कुल मिलाकर नक्सली अब अपने वजूद की लड़ाई लड़ते दिखाई दे रहे हैं।

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फूंकी थी जेसीबी मशीन

विगत 23 नवंबर को भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के रविद्र गंझू के दस्ते ने लोहरदगा जिले की किस्को थाना अंतर्गत मसूरियाखाड़ के समीप 37 करोड़ की लागत से बन रहे सड़क निर्माण कार्य में लगे दो जेसीबी मशीनों को फूंक डाला था। इसके अलावा भी नक्सली संगठन आबादी वाले इलाकों में घुसकर लोगों को धमकाने की कोशिश भी कर रहा है।

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संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश

लोहरदगा : कुख्यात रविद्र गंझू के दस्ते में पहले कुल 10 नक्सली ही थे, हाल के समय में बूढ़ा पहाड़ सहित अन्य क्षेत्रों से कुछ नक्सली आकर रविद्र गंझू के दस्ते में शामिल हुए हैं। ऐसे में रविद्र गंझू का दस्ता अब खुद को काफी मजबूत महसूस कर रहा है। जबकि पुलिस कभी भी माओवादियों के दस्ते को ढेर कर बड़ी कार्रवाई करने के फिराक में लगी है। पुलिस के वरीय अधिकारियों ने कई बार साफ तौर पर संकेत दिए हैं कि माओवादियों ने सरेंडर नहीं किया तो अंजाम काफी बुरा होगा।

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