बेरोजगारी को पशुपालन से दिया जवाब, बदल दी अपनी तकदीर

गफ्फार अंसारी सेन्हा (लोहरदगा) आर्थिक रूप से मजबूती के लिए किसान अब खेती के साथ-साथ पशुप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 10:06 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 10:06 PM (IST)
बेरोजगारी को पशुपालन से दिया जवाब, बदल दी अपनी तकदीर
बेरोजगारी को पशुपालन से दिया जवाब, बदल दी अपनी तकदीर

गफ्फार अंसारी, सेन्हा (लोहरदगा) : आर्थिक रूप से मजबूती के लिए किसान अब खेती के साथ-साथ पशुपालन का भी सहारा ले रहे हैं। इसमें गौ-पालन को सबसे अधिक अपनाया जा रहा है। गौ-पालन के माध्यम से किसान न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि स्वरोजगार के रूप में खुद को मजबूत बनाने का काम भी किया है। लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड के जमील अंसारी ने बेरोजगारी को स्वरोजगार से जवाब दिया है। कभी घर चलाने के लिए पैसों का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो रहा था, अब साल में डेढ़ लाख रुपए घर बैठे कमा रहे हैं। पशुपालन ने जमील की तकदीर बदलकर रख दी। एक गाय से गौ-पालन की शुरुआत करने वाले जमीन अंसारी के पास वर्तमान में एक दर्जन गाय हैं। इनके पास भैंस भी हैं। जिससे हर दिन सैकड़ों लीटर दूध बिक्री करते हैं। गौ-पालन के साथ-साथ जमील हर वर्ष हजारों रुपए का गोबर भी अलग से बिक्री का काम जमील करते हैं। जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो जाती है। प्रत्येक दिन 200 लीटर दूध की करते हैं बिक्री

पशुपालन ने जमील अंसारी की तकदीर बदलकर रख दी। एक गाय से गौ-पालन की शुरुआत करने वाले जमीन अंसारी के पास वर्तमान में एक दर्जन गाय हैं। इसके अलावे भैंस भी हैं। जिससे हर दिन जमील 200 से ज्यादा लीटर दूध बिक्री का काम करते हैं। गौ-पालन के साथ-साथ हर साल हजारों रुपए का गोबर भी बचकर जमील अच्छी कमाई कर रहे हैं। दूसरे के यहां की मजदूरी, उसी से बनाई पूंजी

जमील अंसारी ने 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। पारिवारिक कारणों से उन्होंने इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी। बालिग होने पर दूसरे के घर जाकर गौ-पालन के गुर सीखने का काम करते थे। इसके बदले जमील को मजदूरी भी मिलता थी, उसी काम से बचत कर 15 वर्ष पहले एक गाय खरीदी थी। उसकी कमाई से हर साल एक-एक गाय खरीदते चले गए। इसके बाद दूध का कारोबार करने लगे। क्या कहते हैं जमील

जमील कहते हैं कि पशुपालन विभाग की ओर समय-समय पर मवेशियों का टीकाकरण हो जाता है। सालाना गोबर की बिक्री करने से 20 हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई होती है। सरकार की ओर से गौ-पालन करने वाले किसानों की सहायता की जाए तो और भी किसान इस काम से जुड़ेंगे।

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