हर साल 70 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन कर रही अविराम

राकेश कुमार सिन्हा लोहरदगा नीली क्रांति यानी की मत्स्य उत्पादन। निश्चित रुप से इसमें झारखं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:09 PM (IST)
हर साल 70 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन कर रही अविराम
हर साल 70 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन कर रही अविराम

राकेश कुमार सिन्हा, लोहरदगा : नीली क्रांति यानी की मत्स्य उत्पादन। निश्चित रुप से इसमें झारखंड का भविष्य है। बावजूद झारखंड में मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में न तो सरकार बहुत ज्यादा ध्यान दे पाई है और न ही मत्स्य पालकों को ने ही इसमें ज्यादा रुचि दिखाई है। इसकी सबसे बड़ी वजह यहां पर मत्स्य बीज का समय पर उपलब्ध नहीं होना और कोलकाता से आने वाले मत्स्य बीज का यहां जीवित नहीं रहना है। लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के माराडीह में संचालित अविराम ग्रामीण विकास स्वयं सेवी संस्थान मत्स्य पालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आजीविका सृजन की दिशा में पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से अविराम संस्था लगातार मत्स्य पालन को एक बेहतर रोजगार के रूप में स्थापित करने को लेकर किसानों और मत्स्य पालकों का सहयोग करती आ रही है। मत्स्य बीज के क्षेत्र में बेहतर कार्य, कई जिलों के मत्स्य पालकों को मिलता है लाभ

लोहरदगा : अविराम संस्था द्वारा हर साल लगभग 70 लाख बीज ब्रीडिग के माध्यम से तैयार किए जाते हैं। इसका लाभ लोहरदगा जिले के अलावे गुमला, रांची, लातेहार, चतरा, सिमडेगा, पलामू, हजारीबाग और रामगढ़ जिला के मत्स्य पालकों को मिल रहा है। सीधे तौर पर अविराम संस्था के माध्यम से 15 हजार किसान लाभांवित हो रहे हैं। मत्स्य पालन के क्षेत्र में संभावनाओं को मूर्त रूप देने को लेकर अविराम संस्था निरंतर रूप से काम कर रही है। मछली बेचने के लिए स्थानीय बाजार होने के बावजूद लोग इसमें अब तक रुचि नहीं दिखा रहे थे, परंतु हाल के समय में मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक बदलाव नजर आ रहा है। इससे निश्चित रूप से पलायन पर भी रोक लग सकेगी। साथ ही आजीविका भी सृजित होगी। क्या है मत्स्य उत्पादन के हालात

लोहरदगा : झारखंड में मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। बावजूद इसके यहां पर ज्यादातर तालाब खाली रह जाते हैं। कोलकाता से प्राय: मंगाए जाने वाले मत्स्य बीज झारखंड में जीवित नहीं रहते हैं। ऐसे में अविराम संस्था द्वारा व्यापक स्तर पर मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य वर्तमान समय में किया जा रहा है। इसके लिए वैज्ञानिक विधि द्वारा ब्रीडिग पूल में मत्स्य बीज उत्पादन कराया जाता है। सचिव इंद्रजीत भारती द्वारा मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य अपनी देखरेख में संपन्न कराया जाता है। जिससे कि उत्तम बीज का उत्पादन संभव हो सके। प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान की जा रही है

लोहरदगा : किसानों को मत्स्य बीज प्रदान करने के साथ-साथ अविराम उनको निश्शुल्क प्रशिक्षण भी अपने सेंटर में प्रदान करती है। किसान कैसे मत्स्य बीज की देखभाल करें और मत्स्य बीज उत्पादन करना चाहें तो उन्हें किस प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होगी और क्या-क्या सावधानियां बरतनी होगी, इस बारे में भी अविराम संस्था द्वारा लगातार जानकारी दी जा रही है। अविराम संस्था का उद्देश्य है कि भविष्य में मत्स्य बीज उत्पादन को और भी व्यापक स्वरूप प्रदान किया जा सके। क्या कहते हैं संस्था के सचिव

लोहरदगा : अविराम संस्था के सचिव इंद्रजीत कुमार का कहना है कि हमने आजीविका सृजन की दिशा में कई कार्य जमीनी स्तर पर पिछले तीन दशक के दौरान किए हैं। इन कार्यों में मत्स्य पालन का स्थान प्रमुख है। वर्ष 1992 से मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। ब्रीडिग द्वारा प्रारंभिक समय में 25 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन होता था। इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ते हुए अब 70 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन किया जाता है।

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