नक्सल गांव कोने में विश्वास की किरण जगा गए हेमंत

उत्कर्ष पांडेय लातेहार नक्सल प्रभावित कोने गांव में आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:50 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:50 PM (IST)
नक्सल गांव कोने में विश्वास की किरण जगा गए हेमंत
नक्सल गांव कोने में विश्वास की किरण जगा गए हेमंत

उत्कर्ष पांडेय, लातेहार : नक्सल प्रभावित कोने गांव में आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीणों में विश्वास की किरण जगा गए। कोने गांव में निवास करने वाले अमर शहीद नीलांबर-पीतांबर के परपौत्र रामनंदन सिंह खरवार व उनके वंशजों को सम्मानित करके शानदार कार्य किया। सम्मान का भाव ऐसा रहा कि मुख्यमंत्री पूरे कार्यक्रम के दौरान नीलांबर-पीतांबर के परपौत्र रामनंदन व उनके पुत्र कोमल को अपने साथ ही रखे रहे। मंच पर बकायदा अपने बगल में नेम प्लेट लगी हुई कुर्सी पर बैठाया। कार्यक्रम के दौरान रामनंदन से शहीदों की गाथा सुनने के साथ गांव के विकास को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री की ओर से इतना सम्मान पाकर रामनंदन व उनके स्वजन खुद को गौरवान्वित महसूस करते रहे। शहीद के परपौत्र रामनंदन सिंह खरवार ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोने को शहीद नीलांबर-पीतांबर गांव के नाम से जाने के बदले नक्सल प्रभावित गांव के रूप में जाना जाता रहा है। लेकिन बीते कुछ वर्षों से सरकारी स्तर पर अच्छे प्रयास के कारण गांव की पहचान सार्थक रूप में हुई है। वर्तमान में शहीदों के स्वजनों के साथ परेशानियों की खबर देश भर से आती रहती है यह हमारे लिए काफी दुखद है। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमारे गांव में राज्य के मुख्यमंत्री ने आकर सराहनीय कार्य किया है। उनके यहां आने से शहीद नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमा को वास्तविक सम्मान मिला है। मुख्यमंत्री की ओर से मिले सम्मान पाकर हर्षित मुद्रा में जीवन के 85 बसंत देख चुके रामनंदन ने कहा कि आज जिस प्रकार मुझे सम्मान मिला है मैं चाहता हूं कि राज्य के सभी शहीदों के स्वजनों को ऐसा ही सम्मान मिले। ताकि लोगों को हमेशा इस बात का अहसास रहे कि शहीदों ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी थी। उन्होंने बताया कि मैं अपने पूर्वजों के बताए मार्ग पर चलते हुए अब भी खुद से खेती करता हूं और गांव के लोगों को सरकारी मदद से आधुनिक कृषि पद्धति की जानकारी लेकर खेती करने के लिए प्रेरित करता हूं। गांव में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए खुद भी गांव में घूमकर बच्चों को प्रेरित करता हूं।

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