चार हजार आदिम जनजाति परिवारों को नहीं मिल रहा राशन

जागरण संवाददाता लातेहार लातेहार जिले में आदिम जनजाति परिवारों को डाकिया योजना के तहत लाभ नहीं मिल रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 06:42 PM (IST)
चार हजार आदिम जनजाति परिवारों को नहीं मिल रहा राशन
चार हजार आदिम जनजाति परिवारों को नहीं मिल रहा राशन

जागरण संवाददाता, लातेहार : लातेहार जिले में आदिम जनजाति परिवारों को डाकिया योजना के तहत राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे ग्रामीणों के साथ-साथ विभागीय कर्मी दोनों परेशान हैं। योजना के तहत राशन नहीं मिलने की मूल वजह है अलाटमेंट का नहीं होना। जिले में निवास करने वाले चार हजार आदिम जनजाति परिवारों को इसका लाभ मिलता है। लेकिन एक सितंबर से योजना के तहत राशन नहीं मिल पा रहा है।

झमन परहिया ने कहा कि डाकिया योजना के तहत मिलने वाले राशन से हमारे परिवार को बहुत राहत मिलती है। लेकिन एक सितंबर से पता नहीं क्यों राशन दिया जा रहा है। भालो देवी ने कहा कि हमारे घर तक राशन पहुंचने से खाने की चिता कोरोना काल में नहीं रही, इस योजना को बंद नहीं करना चाहिए। चमन परहिया ने कहा कि राशन मिलने से खाने का संकट दूर हो गया था, खेतीबारी से आमदनी नहीं होने पर सरकारी राशन हमलोगों के लिए वरदान की तरह है। रामबालक परहिया ने कहा कि राशन नहीं मिलने के बारे में सरकारी बाबूओं से बात हुई तो उनलोगों ने कहा कि बहुत जल्द राशन वितरण चालू हो जाएगा। देखिए कब चालू होता है।

चार हजार आदिम जनजाति परिवारों को लाभ :

डाकिया योजना का लाभ लातेहार जिले में निवास करने वाले चार हजार आदिम जनजाति परिवारों को मिलता है। ग्रामीणों के घरों तक राशन पहुंचने से सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों को जीविकोपार्जन में काफी सुविधा मिलती है।

क्या है डाकिया योजना :

आदिम जनजातियों की सुरक्षा, संरक्षण और मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने के लिए ऐसे समुदायों के घर तक बंद बोरी में नि:शुल्क 35 किलोग्राम चावल पहुंचाने के लिए डाकिया योजना चलाई जा रही है। आदिम जनजाति आबादी को पूरी तरह से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए झारखंड सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है।

कोट ::

ग्रामीणों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। प्रशासन की ओर से बहुत जल्द समस्या का निदान करा लिया जाएगा।

शेखर कुमार, प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी लातेहार।

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