सितंबर से लापता मजदूर नूरल अंसारी लौटा गांव, स्वजनों में हर्ष

संवाद सूत्र महुआडांड़ (लातेहार) महुआडांड बस स्टैंड से 13 जुलाई को मजदूर ले जाने आए

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 06:43 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 06:43 PM (IST)
सितंबर से लापता मजदूर नूरल अंसारी लौटा गांव, स्वजनों में हर्ष
सितंबर से लापता मजदूर नूरल अंसारी लौटा गांव, स्वजनों में हर्ष

संवाद सूत्र, महुआडांड़ (लातेहार) : महुआडांड बस स्टैंड से 13 जुलाई को मजदूर ले जाने आए लातेहार से कुछ लोग एवं स्थानीय ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी। जहां गढ़बुढ़नी पंचायत की मुखिया रेणु तिग्गा एवं पहाड़कापू ग्राम के ग्रामीणों ने परहाटोली की सरदारीन संगीता देवी और लातेहार के मजदूर ठेकेदार बासुदेव प्रसाद पर यह इल्जाम लगाया कि पहाड़कापू गांव के एक मजदूर नूरल अंसारी को बहला-फुसलाकर सितंबर 2020 में ईंट भट्टा पर काम कराने ले गए थे। जिसके बाद नूरल अंसारी वहां से काम छोड़कर कहीं और भाग गया। जिसका कोई पता नहीं चल पा रहा था जिसे लेकर ग्रामीणों के द्वारा संगीता देवी और लातेहार के ठेकेदार बासुदेव प्रसाद पर उसे वापस लाने का दबाव बनाया गया था। जहां बासुदेव प्रसाद द्वारा मजदूर नूरल अंसारी को ढूंढ कर लाया गया और गुरुवार को संगीता देवी ने बस स्टैंड मे नूरल अंसारी को उसके स्वजनों को सौंपा। इस संबंध में मजदूर नूरल अंसारी ने कहा कि यूपी सिद्धार्थनगर मे ईंट भट्टा मे काम कर रहा था। लेकिन वहां का ठेकेदार बहुत गाली गलौज और शोषण करता था। उसका व्यवहार सही नहीं था जिसे लेकर मैं वहां से भाग गया और भाग कर नेपाल चला गया था। वहा भी ईट भट्टा में काम कर रहा था, जब वहा काम खत्म हुआ तो मै हिसाब करा मैं लौटना चाह रहा था पर लौट नहीं पा रहा था, जिसे लेकर ठेकेदार वासुदेव प्रसाद द्वारा मुझे वहां से लाया गया। मैं सुरक्षित पहुंचा हूं, मैं खुद सिद्धार्थनगर से भागा था। इसमें बासुदेव या संगीता देवी की कोई गलती नहीं है। इनलोगों ने मुझे रोजगार दिलाया था और इसके ऐवज में कोई कमीशन भी नहीं मांगा था।

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