सांसत में डालकर खुद की जान, बचाती हैं ग्रामीणों की जान

उत्कर्ष पाडेय लातेहार संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर कर्तव्य से भागने वालों के लिए एएनएम

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:29 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:29 PM (IST)
सांसत में डालकर खुद की जान, बचाती हैं ग्रामीणों की जान
सांसत में डालकर खुद की जान, बचाती हैं ग्रामीणों की जान

उत्कर्ष पाडेय, लातेहार : संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर कर्तव्य से भागने वालों के लिए एएनएम मानती कुमारी की डयूटी के प्रति निष्ठा एक शानदार मिसाल है। दाएं कंधे पर वैक्सीन कैरियर व पीठ पर डेढ़ वर्ष की बच्ची और बाएं हाथ में चप्पल ले कर गांव में बहने वाली बूढ़ा नदी को पार कर मानती रोज बच्चों का टीकाकरण करने के लिए तीसिया गांव जाती हैं। मानती को रूटीन इम्यूनाइजेशन के लिए इसी तरह से सुगा बांध नदी पार कर के गोमेरा गांव भी जाना पड़ता है। उनकी ड्यूटी रोस्टर में जो अन्य गांव हैं उसमें तीन गांव तक पहुंचने में इन नदियों को पार करना ही पड़ता है। चेतमा सीएचसी अंतर्गत चोरमुंडा, अराहास, बेलवार, पकरी पाट, नवा टोली जैसे दुरूह गांव में भी कार्य करना पड़ता है। नदी के पहले तक उनके पति सुनील उरांव छोड़ देते हैं जिसके बाद डेढ़ साल की बच्ची शानवी उरांव को पीठ पर ले कर इसी तरह से वह कार्यस्थल से आती और जाती हैं। मानती मूलरूप से लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड की रहने वाली हैं। नदी का जलस्तर बढ़ा था, लेकिन कर्तव्य पथ से नहीं हटीं :

बीते चार दिनों से लगातार बारिश के कारण बूढा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया था। बावजूद इसके मानती ने पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम को स्थगित नहीं किया और गांव जा कर बच्चों का टीकाकरण किया। तभी उनके पति ने फोटो ले ली। इसके बाद से यह फोटो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गई। इस फोटो को देखने के बाद हर किसी ने डयूटी के प्रति इस जज्बे को देखकर सराहना की।

रुटीन इम्यूनाइजेशन के साथ कोविड टीकाकरण :

रुटीन इम्यूनाइजेशन के अलावा मानती कोविड 19 के टीकाकरण में लगी हुई हैं। रविवार को वह सोहर पंचायत के माइल गांव में ग्रामीणों को कोविड 19 का टीका लगा रही थीं।

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