प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए विधायक व श्रम मंत्री ने दिलाया भरोसा

वैश्विक महामारी कोराना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 05:55 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:45 PM (IST)
प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए विधायक व श्रम मंत्री ने दिलाया भरोसा
प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए विधायक व श्रम मंत्री ने दिलाया भरोसा

उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार : वैश्विक महामारी कोराना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के वापस गांव लौटने से रोजगार का संकट गहरा गया है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार के स्तर से हरसंभव कोशिश हो रही है। आत्मनिर्भर झारखंड के नवनिर्माण हेतु विविध प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन के लिए सरकारी तंत्र कोशिशों को मूर्त रूप देने में जुटा है। वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार से प्रवासी मजदूरों को जोड़ने के लिए सभी जरूरी कवायद शुरू हो चुकी है। इसी दिशा में लातेहार जिले में पाया जाने वाला महत्वपूर्ण खनिज फायर क्ले से प्रवासी मजदूरों को जोड़ने के लिए दैनिक जागरण की ओर से चलाई गई खबरों की सीरिज से जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट हुआ। प्रतिनिधियों ने मामले पर सार्थक पहल करने का भरोसा आम जनता को दिलाया है।

लातेहार विधायक और श्रम मंत्री ने दिलाया भरोसा :

लातेहार जिले में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिज फायर क्ले के बावत वर्तमान हालात में जमीनी स्तर की जानकारी लातेहार के विधायक सह पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम एवं झारखंड सरकार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने ली। विधायक और मंत्री ने खनिज की बहुलता वाले बालूमाथ, चंदवा, बारियातू एवं हेरहंज प्रखंड का दौरा भी किया। पूरी जानकारी लेने के बाद विधायक और मंत्री ने इस दिशा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात में उन्हें पूरी जानकारी देकर समस्याओं से निजात दिलाकर प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की बात कही।

बंद फैक्ट्रियों को खोलने से मिलेगा रोजगार :

फायर क्ले पर आधारित कई फैक्ट्रियां जिले के चंदवा, बालूमाथ, बारियातू और हेरहंज के इलाके में स्थित हैं। फैक्ट्रियों को बंद हुए 20 वर्ष से अधिक का समय बीत गया। सरकारी नीतियों के कारण बंद हुई फैक्ट्रियों के संचालकों ने मजदूरों और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था समेत कई पहलुओं का हवाला देकर सरकारी अधिकारियों से लेकर शासन तंत्र से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन बदले में सिवाय आश्वासनों के आज तक कुछ भी प्राप्त नहीं हो सका।

सिरेमिक उद्योग में भी होता है फायर क्ले का उपयोग :

फायर क्ले पत्थर का उपयोग फायर ब्रिक्स बनाने में होता है। लौह अयस्क को गलाने के काम आने वाले धमन भट्टियों को 300 डिग्री से अधिक ताप से खतरा होता है। ताप के प्रभाव से बचाने को फायर ब्रिक्स लगाया जाता है। फायर ब्रिक्स के निर्माण का आधार फायर क्ले है। इसके अलावा इसका उपयोग सिरेमिक उद्योग में भी होता है। अग्निरोधक पदार्थो में भी इसका प्रयोग सबसे ज्यादा है।

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