झुमरी तालाब बचाने का आंदोलन चलाएंगे ग्रामीण

संवाद सहयोगी कोडरमा झुमरी-चाराडीह तालाब बचाने को लेकर ग्रामीण अब न्यायालय की शरण मे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:01 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:01 PM (IST)
झुमरी तालाब बचाने का आंदोलन चलाएंगे ग्रामीण
झुमरी तालाब बचाने का आंदोलन चलाएंगे ग्रामीण

संवाद सहयोगी, कोडरमा: झुमरी-चाराडीह तालाब बचाने को लेकर ग्रामीण अब न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। शनिवार को एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने तालाब के पास ही ग्रामीणों के साथ बात कर मामले का समाधान करने का प्रयास किया। इस दौरान ग्रामीण तालाब बचाने की बात पर अड़े रहे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बातचीत के दौरान कहा कि तालाब की अंतिम सीढ़ी को छोड़कर बाकी सीढ़ी तक जमीन रोड के लिए ली जाएगी। तालाब को यथासंभव बचाने के लिए रोड, ड्रेन, डिवाइडर की चौड़ाई तक को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाई स्पीड रोड होने के कारण इसे बहुत कम नहीं किया जा सकेगा। वहीं ग्रामीणों का तर्क था कि जब दूसरी छोर पर पर्याप्त भूमि उपलब्ध है तो तालाब की भूमि लेने का कोई औचित्य नहीं है। एनएचएआइ द्वारा दूसरी छोर पर भूमि अधिग्रहण भी किया गया है और उस भूमि पर किसी तरह का काम नहीं किया जा रहा है। तालाब कई गांवों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। खेती के साथ-साथ तालाब का अस्तित्व समाप्त होने पर पूरे इलाके में गंभीर जल संकट गहराएगा। वर्तमान में तालाब के कारण ही कई गांवों में जलस्तर सामान्य बना हुआ है। कई गांवों के लोग पूरी आस्था के साथ यहां छठ पूजा भी करते आ रहे हैं। किसी भी शर्त में तालाब की भूमि को अधिग्रहण नहीं करने दिया जाएगा। लोगों ने कहा कि तालाब बचाने के लिए वे लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। जरूरत पड़ी तो जेल भरो आंदोलन भी चलाया जाएगा। यदि उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो वे लोग उच्च न्यायालय की शरण भी लेंगे। इसके पूर्व शनिवार को तालाब के पास संवेदक द्वारा रोड का काम शुरू किया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने यह कहकर बंद करवा दिया कि निर्णय के बाद ही कार्य करवाया जाए। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए प्रोजेक्ट निदेशक ने अधिग्रहण की गई दूसरी छोर की भूमि का भी निरीक्षण किया। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा। इससे ग्रामीणों में असमंजस की स्थिति बनी रही।

बता दें कि बीते दिनों निर्माण कंपनी के कर्मियों ने तालाब के बड़े जलक्षेत्र को पुरानी सड़क के अलकतरायुक्त कचरे से भर दिया था। इसके विरोध में ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया और तालाब को साफ करने की मांग रखी। बाद में जिला परिषद की प्रधान शालिनी गुप्ता के नेतृत्व में ग्रामीण उपायुक्त से मिला, तब डीसी के आदेश पर तालाब से कचरे को निकाला गया। वार्ता में सुरेश यादव, विरेंद्र यादव, राजेश यादव, विजय यादव, मनोज कुमार शर्मा, राजेंद्र यादव, रामसहाय यादव, धनेश्वर शर्मा, नागेश्वर यादव, जगत यादव, बिरजु यादव, भुनेश्वर यादव, सरोज यादव, सुनिल यादव, अर्जुन यादव, सुजीत शर्मा, महाबीर यादव आदि लोग मौजूद थे।

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