उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना

जिले में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व हुआ संपन्न संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया(कोडरमा) उ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 09:58 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:58 PM (IST)
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना

जिले में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व हुआ संपन्न, संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया(कोडरमा) : उगते सूर्य को घरों में तथा नदी घाटों में अघ्र्य अर्पण के साथ सोमवार को चार दिवसीय चैती छठ व्रत संपन्न हो गया। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को कई व्रतियों ने घर की छत पर यह पर्व किया और परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। छठ के दौरान देश-दुनिया में फैले हुए कोरोना वायरस संक्रमण से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना भी भगवान भास्कर से की गई।

उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत भी संपन्न हो गया। छठ घाट पर भगवान सूर्य की पूजा हवन व आरती की गई। पहले की अपेक्षा नदी घाट बहुत कम लोग पहुंचे पर श्रद्धा भक्ति में कहीं कोई कमी नहीं देखी गई। कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों ने पूरी पवित्रता के साथ चैती छठ मनाया। इस दौरान महिलाओं ने छठ घाटों पर पूजा के गीत गाए। सूर्य देव को अघ्र्य देने के बाद चढ़ाया हुआ प्रसाद ठेकुआ, कचवनीया, फल का प्रसाद सूर्य देवता को चढ़ाया गया। इसके बाद व्रतधारियों ने प्रसाद लोगों में बांटा। कहते हैं कि इस व्रत से संतान सुख प्राप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, सूर्य की पहली किरण को ही सविता शक्ति अथवा छठी मइया भी कहा जाता है। झुमरी तिलैया के जयमंगल सिंह तालाब, इंदरवा बस्ती छठ तालाब , तिलैया बस्ती , पानी टंकी डोमचांच के शिव सागर के अलावा चंदवारा, कोडरमा, सतगावां व जयनगर इलाके में आस्था का चार दिवसीय चैती छठ पर्व भक्ति भाव के साथ मनाया गया। ::::::::: उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ चैती छठ संपन्न :::::::::

चार दिवसीय महान पर्व चैती छठ उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित करने के साथ सोमवार को संपन्न हो गया ।प्रखंड के विभिन्न इलाकों के छठ घाटों पर सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए श्रद्धालु मौजूद रहे। रास्ते में छठ व्रतियों के साथ उनके सगे-संबंधी छठ मैया के गीत गाते चल रहे थे। प्रखंड के विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर लोगों ने दूध व जल से उदीयमान भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित कर अपने व अपने परिवार के लिए सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की ।छठ मैया के गीतों से पूरा इलाका गुंजायमान होता रहा। कई छठ व्रतियों को दंडवत करते हुए छठ घाट तक जाते देखा गया। अ‌र्घ्य देने के बाद महिलाएं एक-दूसरे को नाक से सिदूर लगाकर सदा सुहागिन रहने की कामना की।

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