कृष्ण सुदामा की मित्रता आज भी प्रासंगिक : प्रिय प्रीतम

झुमरीतिलैया असनाबाद स्थित सोनी कैंपस में चल रहे श्रीम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 07:22 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:22 PM (IST)
कृष्ण सुदामा की मित्रता आज भी प्रासंगिक : प्रिय प्रीतम
कृष्ण सुदामा की मित्रता आज भी प्रासंगिक : प्रिय प्रीतम

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): झुमरीतिलैया असनाबाद स्थित सोनी कैंपस में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन शुक्रवार को कृष्ण सुदामा चरित्र पर व्याख्यान हुआ। मौके पर वृंदावन से आए पंडित प्रिय प्रीतम शरण पंकज ने कहा कि कृष्ण सुदामा की दोस्ती आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि बचपन के मित्र सुदामा के मनोरथ को भगवान कृष्ण ने पूरा किया एवं ब्राह्माण देवता पर कृपा की। कृष्ण सुदामा की दोस्ती आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भगवान कृष्ण ने अमीरी -गरीबी का कोई भेद नहीं रखा। सुदामा को गले लगाया और उनके चरण धोए। इससे आज के जीवों को शिक्षा मिलती है कि ब्राह्माण पूज्य हैं और पूज्य रहेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान की दोस्ती स्वार्थ की दोस्ती हो गई है। मतलब रहने से ही एक दूसरे को पूछते हैं। इस दौरान अरे द्वार पालों कन्हैया से कह दो.. जैसे भजन से कार्यक्रम स्थल गूंजता रहा। उन्होंने आगे कृष्ण विवाह पर कहा कि श्री कृष्ण ने 16108 विवाह किए। इसमें भामासुर के कारागार में 16100 राजकुमारियां बंद थी। भगवान कृष्ण ने सभी के कष्टों को दूर किया और सब के साथ विवाह भी किया। मौके पर कृष्ण सुदामा की झांकी भी प्रस्तुत की गई। इसमें कृष्ण की भूमिका में गुड़िया कुमारी तथा सुदामा की भूमिका में बली बल्लभ शामिल हुए। इसके बाद फूलों की होली खेली गई। बताते चलें सात दिवसीय भागवत कथा में नगर के धार्मिक संगठन श्री हनुमान संकीर्तन मंडल, श्री राम संकीर्तन मंडल, श्री श्याम मित्र मंडल, ओम मंडल, काली महिला मंडल एवं अन्य भजन मंडली ने अलग-अलग दिन भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में शहर के कई श्रद्धालु भक्तों ने भागवतकथा का आनंद लिया।

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