जन्म दिवस पर याद किए गए खुदीराम बोस
निडर व वीर क्रांतिकारी थे खुदीराम बोस संजय संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) शहीद खुदीराम बोस की 112वीं जयंती डेमोक्रेटिक यूथ
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): शहीद खुदीराम बोस की 112वीं जयंती डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) द्वारा मंगलवार को मनाई गई। इस मौके पर राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में नौजवानों की शहादत ने स्वतंत्रता संग्राम का रुख बदलकर रख दिया था। एक ऐसा ही नाम खुदीराम बोस का भी है। अपनी वीरता के लिए पहचाने जाने वाले खुदीराम खुशी-खुशी खुशी फांसी के फंदे पर चढ़ गए थे। देश को आ•ादी दिलाने के लिए कुछ भी कर गुजरने की तमन्ना रखने वाले खुदीराम 9वीं कक्षा में ही स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गए थे। 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में हुए आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। अपने बलिदानी के कारण वे इतने लोकप्रिय हो गए कि बंगाल के जुलाहो ने उन्हें सम्मान देने के लिए एक खास किस्म की धोती बुनने का फैसला किया, जिसपर खुदीराम लिखा होता था। डीवाईएफआई क्रांतिकारियों के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष जारी रखेगा। मौके पर शहीद खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि दी गई।