निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने फूंका बिगुल

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने राष्ट्रीयकृत बैंक ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 06:19 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 08:01 PM (IST)
निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने फूंका बिगुल
निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने फूंका बिगुल

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने, राष्ट्रीयकृत बैंकों को विखंडित कर उसे निजी हाथों के हवाले करने, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भारतीय जीवन बीमा निगम को समाप्त करने,रक्षा, कोयला,पेट्रोलियम, इस्पात, भारी अभियंत्रण, रेलवे, नेशनल हाइवे, दूरसंचार, हवाई अड्डा, बंदरगाह समेत तमाम औद्योगिक संस्थानों को देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हाथों सौंपे जाने के खिलाफ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। विभिन्न ट्रेड यूनियनों का भारत बचाओ दिवस के अवसर पर झंडा चौक पर हुई सभा को संबोधित करते हुए सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि मोदी सरकार की अंधाधुंध निजीकरण नीति के खिलाफ आज जिले में जगह जगह धरना प्रदर्शन हुआ। झुमरीतिलैया में मजदूर संगठनों सीटू, एक्टू और एटक के संयुक्त बैनर तले पूर्णिमा टॉकिज परिसर से जुलूस निकाला गया जो मुख्य बाजार होते हुए झंडा चौक स्टेशन रोड पहुंचकर सभा मे तब्दील हो गई। जुलूस का नेतृत्व सीटू नेत्री मीरा देवी, एक्टू के नेता विजय पासवान, एटक की नेत्री सोनिया देवी ने संयुक्त रूप से किया। जुलूस में पूंजीपतियों के हाथों में देश बेचना बंद करो, रेलवे, बैंक, बीमा, कोयला खदान का निजीकरण करना बंद करो, पूंजीपतियों के इशारे पर देश चलाना बंद करो आदि नारे लगाए जा रहे थे। सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान की अध्यक्षता में सभा को संबोधित करते हुए जिप सदस्य महादेव राम ने कहा कि जिस तरह आजादी के संघर्ष में 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के आह्वान पर करो या मरो का नारा देशव्यापी अभियान का हिस्सा बन गया था, उसी प्रकार देश का मजदूर वर्ग राष्ट्रीय संपदा की लूट के खिलाफ और भारत के आत्मसम्मान और आर्थिक संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। ट्रेड यूनियन के नेताओं प्रकाश रजक, विजय पासवान, शैलेन्द्र तिवारी, वर्षा रानी, प्रेम प्रकाश, सुनील कुमार गुप्ता ने एक स्वर में इस बात का एलान करते हुए झारखंड के मजदूर वर्ग समेत सभी देशभक्त शक्तियों का आह्वान किया कि भारतीय जनता के संघर्षपूर्ण विरासत को आगे बढ़ाने की लड़ाई के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें। नेताओं ने कहा कि केंद्र और अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा कोरोना महामारी की आड़ में मजदूर वर्ग के अधिकारों पर किए जा रहे हमलों का प्रतिरोध करेंगे और देश की संपत्ति की लूट के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी, निर्माण मजदूर, जेनरल मजदूर, मेडिकल रिपर्जेनटेटिव, कर्मचारी यूनियन से अर्जुन यादव, महेश प्रसाद सिंह, शंभु पासवान, शैलेन्द्र तिवारी, सुनील कुमार गुप्ता, दिलीप सिन्हा, अशोक रजक, रविन्द्र भारती, रामचन्द्र राम, मृणाल गौतम, परविनदर, उर्मिला देवी, संध्या वर्णवाल, संतोषी देवी, अनीता देवी, कांति देवी, रामदुलारी देवी, पुनम देवी, सुनैना देवी, गीता देवी, किरण देवी, कुन्ती देवी, रामकुमार यादव, सिकंदर कुमार, मदन राम, मथुरा रजक, कुलेश्वर पंडित, भैरव पंडित, विनोद पासवान, संतोष शर्मा, सनोज दास, राजेश कुमार सिंह, धनपत यादव, खिरण भुइयां, शांति देवी, कलावती देवी सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

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