दशलक्षण पर्व पर विविध कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
अलग दशलक्षण धर्म का सातवां दिन गुरुवार को उत्तम तप धर्म के रुप में मनाया गया। सरस्वती भवन में परम तपस्वी कठोर साधना के प्रतीक मुनि श्री 10
झुमरीतिलैया (कोडरमा):दशलक्षण पर्व का सातवां दिन गुरुवार को उत्तम तप धर्म के रुप में मनाया गया। श्री दिगंबर जैन मंदिर के सरस्वती भवन में परम तपस्वी कठोर साधना के प्रतीक मुनि श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज जिन का भव्य चतुर्मास इस समय अहमदाबाद में हो रहा है, उनके लिए एक भावांजलि सभा का आयोजन किया गया। मौके पर मुनि श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के चित्र के समीप दीप प्रज्वलन कार्यक्रम के संयोजक मनीष सेठी, सीमा सेठी परिवार, आचार्य विद्यासागर जी महाराज की बाल ब्रह्मचारी शिष्य सरिता दीदी, रश्मि दीदी, समाज के पदाधिकारी ने किया। मुनि श्री प्रसन्न सागर जी महाराज की कठोर साधना पर उद्गार प्रकट करते हुए सरिता दीदी व रश्मि दीदी ने कहा कि उनका तप और उपवास अकल्पनीय है, अविस्मरणीय है। इस तरह का तप इस पंचम काल में कोई कठोर साधक ही कर सकता है। इस तरह की साधना से आत्मकल्याण तो होता ही है। कार्यक्रम के संयोजक परम मुनि भक्त मनीष सेठी ने मुनि श्री की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुनि श्री के दर्शन मात्र से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं। जिस तरह की कठोर साधना वह करते हैं उनके शरीर की आभा और चमक सूर्य की भांति चमकती है। लोग उनके दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। कार्यक्रम में सीमा सेठी, सुबोध गंगवाल, ललित सेठी, सीमा छाबड़ा, राकेश छाबड़ा, संजय ठोल्या, अध्यक्ष विमल बड़जात्या, सचिव विजय शेट्टी ने भी अपने उद्गार प्रकट किए। इसके पूर्व सुबह पानी टंकी रोड नया मंदिर में मूल वेदी की शांतिधारा विरेंद्र कुमार, अंकित छाबड़ा ने की, जबकि मान स्तंभ पर भगवान महावीर स्वामी की शांतिधारा सुरेश कुमार, अरिहंत झंझरी, रूपेश कुमार छाबड़ा, सुनील कुमार, सौरभ सेठी, सुरेश कुमार, सिद्धार्थ कुमार सेठी ने की।