सड़क में गड्ढा है या फिर गड्ढे में सड़क
रणजीत कुमार भारती जयनगर (कोडरमा) सड़क जर्जर है। चलना मुश्किल है। लोग परेशान हैं ले
रणजीत कुमार भारती, जयनगर (कोडरमा): सड़क जर्जर है। चलना मुश्किल है। लोग परेशान हैं लेकिन जन प्रतिनिधि..? पूछिए मत। जयनगर की लाइफ लाइन कही जाने वाली कोडरमा-कोवार मुख्य सड़क विकास की हकीकत बता रही है। इस सड़क में गड्ढा है या फिर गड्ढे में सड़क पता लगाना मुश्किल है। दस साल में जन प्रतिनिधियों ने जनता की कितनी चिता की, इस जर्जर सड़क को देख कर समझा जा सकता है। पर जब चुनाव का मौसम आता है तो जन प्रतिनिधि सक्रिय हो जाते हैं। बात चाहे कोडरमा-कोवार मुख्य सड़क की हो या फिर जयनगर की अन्य सड़कों की सभी की हालत जर्जर है। बता दें कि, कोडरमा से जयनगर, मरकच्चो होते हुए गिरीडीह को जोड़ने वाली कोडरमा-कोवार मुख्य सड़क काफी जर्जर हो गया है। कोडरमा से लेकर मरकच्चो तक लगभग 35 किलोमीटर लंबी उक्त सड़क में सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। मुख्य सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढे से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सड़क पर बने गड्ढे से राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है परंतु इसे देखने वाला कोई नहीं है। उक्त सड़क पर प्रतिदिन हजारों गाड़ियां दौड़ती हैं जिससे सड़क पर बनी गड्ढों के कारण दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। बारिश में उक्त सड़क की सूरत और ही बिगड़ गई है। स्थानीय लोगों की माने तो प्रतिदिन उक्त गड्ढे में कोई न कोई राहगीर गिर पड़ता है। गत माह में मोटरसाइकिल से गिरने वालों की ऐसी दर्जनों घटनाएं घट चुकी है। बता दें कि मुख्य सड़क की मरम्मती जहां-तहां करके लीपापोती कर दी जाती है परंतु मरम्मती के एक सप्ताह बाद ही सारे पीच उखड़ जाते हैं। इस बाबत पूर्व मुखिया गणपत यादव, समाजसेवी सुनील यादव, नारायण यादव, मुकेश यादव, विदेशी यादव, राजू गोप सहित कई लोगों ने शीघ्र ही सड़क की मरम्मत की मांग की है तथा पिपचो से बाघमारा के बीच तथा तेतरोन में पीसीसी कराने तथा सड़क के दोनों किनारे नाली निर्माण की मांग की है।
:::::::::::: क्या कहते हैं लोग:::::::::::::
झारखंड सरकार का ग्रामीण सड़कों पर ध्यान नहीं है। स्थानीय विधायक या सांसद का भी इस गंभीर समस्या पर पूरे कार्यकाल के दौरान कभी ध्यान नहीं गया। आम जनता काफी परेशान है बारिश के दिनों में सड़क पर बने गड्ढे पता नहीं चलते जिससे प्रतिदिन छोटे-छोटे हादसा होते रहते हैं।
रवि यादव, बाघमारा।
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जयनगर की सभी सड़कें जर्जर हैं। परंतु यहां के सांसद और विधायक को चिता नहीं है। कई महत्वपूर्ण सड़कें ऐसे भी हैं जिससे वरीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि बार-बार गुजरते हैं परंतु उनका ध्यान नहीं है। सड़क की मरम्मत की तो कभी कभार होती भी है तो ठेकेदार राशि की बंदरबांट कर देते हैं।
शक्ति गुप्ता, बाघमारा।
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जयनगर की लाइफ लाइन कही जाने वाली कोडरमा कोवार सड़क की स्थिति काफी जर्जर है। सड़के बनती है परंतु एक निश्चित कार्यकाल तक सड़कों का लाइफ नहीं रह पाता है। मरम्मती के नाम पर सरकारी अधिकारी व ठैकेदार राशि की बंदरबांट कर देते हैं। इस पर ना तो प्रशासनिक पदाधिकारी कभी गंभीरता दिखाते हैं और ना ही जनप्रतिनिधि।
महेश यादव, मधवाटांड।
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प्रतिदिन छोटी-छोटी हादसा होती रहती है। अगर समय रहते इन सड़कों को नहीं बनाया गया तो निश्चित तौर पर एक बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीण संवेदक के खिलाफ प्रशासनिक पदाधिकारियों को लिखित भी देते हैं। बावजूद संवेदक पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
परमानंद यादव, मधवाटांड।