हर वर्ष 22 टन आक्सीजन देता है एक बरगद

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया हमारी सभ्यता-संस्कृति और जीवनशैली में पेड़-पौधों का विशेष म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 07:26 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 07:26 PM (IST)
हर वर्ष 22 टन आक्सीजन देता है एक बरगद
हर वर्ष 22 टन आक्सीजन देता है एक बरगद

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया : हमारी सभ्यता-संस्कृति और जीवनशैली में पेड़-पौधों का विशेष महत्व है। पीपल और बरगद तो हमारे धार्मिक आचार-विचार में रचे-बसे हैं। सनातन धर्म के साथ-साथ जैन तथा बौद्ध धर्म में भी वट वृक्ष का काफी महत्व है। इसे अमरता का प्रतीक भी माना जाता है। सौभाग्यवती महिलाएं ज्येष्ठ मास की अमावस्या को व्रत रखकर बरगद की पूजा करती हैं। इसे वट सावित्री व्रत भी कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृक्ष बहुतायत मात्रा में आक्सीजन देना है। एक अनुसंधान के अनुसार यह पेड़ 22.19 टन आक्सीजन का प्रति वर्ष उत्सर्जन करता है। यह वृक्ष भूकंप आपदा के रक्षा कवच के रूप में भी काम करता है। अपने विशिष्ट जल धारण क्षमता, वाष्पोत्सर्जन, खनिज लवणों के अवशोषण के गुणों द्वारा जल को गुरुत्वीय क्षेत्र से जाने से रोकता है। वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल के अनावश्यक दबाव को कम करने समेत तमाम गुणों के कारण ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप के कारकों को भी कम करता है। इस वृक्ष की जड़े पृथ्वी की प्लेटों को गतिशील होने से रोकने का भी काम करती है। धार्मिक एवं पर्यावरणीय ²ष्टिकोण से तो बरगद का महत्व है ही, चिकित्सा की ²ष्टि से भी बरगद बहुत उपयोगी है। इसके तमाम भाग औषधीय रूप से उपयोगी है। इसकी जड़ें, पत्ते, छाल और रस सभी गुणकारी हैं। बरगद की जड़ों में सबसे अधिक मात्रा में एंटी आक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के लिए बरगद की जड़ों का प्रयोग किया जाता है। पत्तों को गर्म करके घावों पर लेप करने से घाव जल्दी सूख जाते हैं। पत्तियों को पीसकर तैयार लेप से मालिश करने पर खुजली आदि की समस्या दूर होती है। महिलाओं की राय भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधे की भी पूजा की जाती है। इसका मुख्य कारण है कि पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए पेड़ों की रक्षा की शिक्षा मिले। गुरुवार को बट सावित्री पर्व है। जो सुहागिनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। पर्व के मौके पर पूजा के साथ साथ वट वृक्ष बचाने के लिए महिलाओं को जागरूक करने का काम करेंगें।

- रेखा कुमारी, झुमरीतिलैया। बरगद पेड़ मनुष्य से लेकर सभी प्राणियों को सुरक्षा देने का काम करती है। इसलिए इसकी सुरक्षा करना हम सभी लोगों का दायित्व बनता है। इस पेड़ में अनेकों प्रकार की गुण पाई जाती है । जो बहुत ही लाभकारी है। पेड़ की सुरक्षा करने का शपथ लेती हूं।

- संतोषी देवी, झुमरीतिलैया। बरगद पेड़ की कटाई पर सरकार द्वारा पूर्णतया प्रतिबंध लगना चाहिए। क्योंकि यह धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। इसमें आक्सीजन की मात्रा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जिससे प्रदूषण पर भी लगाम लगता है। वह इस पौधे की सुरक्षा के लिए संकल्पित हूं।

- गुड़िया देवी, झुमरीतिलैया।

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