ओमिक्रोन से बचाव को बढ़ी सर्तकता, वैक्सीनेशन व टेस्टिग पर जोर

संवाद सहयोगी कोडरमा कोविड वैरियंट ओमिक्रोन की दस्तक तो राज्य में नहीं हुई है लेकिन

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:50 PM (IST)
ओमिक्रोन से बचाव को बढ़ी सर्तकता, वैक्सीनेशन व टेस्टिग पर जोर
ओमिक्रोन से बचाव को बढ़ी सर्तकता, वैक्सीनेशन व टेस्टिग पर जोर

संवाद सहयोगी, कोडरमा: कोविड वैरियंट ओमिक्रोन की दस्तक तो राज्य में नहीं हुई है, लेकिन हर जिला में सर्तकर्ता बढ़ा दी गई है। कोडरमा में भी ओमिक्रोन को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हो गए है। लिहाजा यहां कोविड जांच बढ़ाने के साथ-साथ वैक्सीनेशन व टेस्टिग पर खास जोर दिया जा रहा है। एसडीओ मनीष कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक कर कोविड को लेकर गहन चर्चा किया। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि हाल के दिनों में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है, जिस पर नाराजगी व्यक्त किया। कहा कि वैक्सीनेशन को प्राथमिकता के आधार पर ज्यादा से ज्यादा करें। यहां तक की ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र में जनजागरूकता के साथ-साथ वंचितों की पहचान कर उन्हें वैक्सीन दें, ताकि लोगों को सुरक्षित किया जा सके। वहीं प्रत्येक प्रखंड में कोविड जांच बढ़ाने का निर्देश दिया। कहा मामूली लक्षण वालों की भी जांच हो, ताकि समय रहते संक्रमित की पहचान हो सके। जिले में कई माह बाद कोविड के एक मरीज पाये जाने पर विभाग में हड़कंप है। वहीं लोगों को कोविड नियमों के अनुपालन की भी अपील की गई। खास तौर पर भीड़-भाड़ वाले जगहों पर हर हाल में मास्क लगाने को कहा गया। सदर अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का बेहतर इलाज हो इसकी विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया। एसडीओ ने कहा कि कोविड के नये केस मिलने पर जांच अभियान में तेजी लाएं। सभी प्रखंडों में भी अलर्ट मोड में काम करने को कहा गया। इस मौके पर दंत चिकित्सा प्रभारी डॉ शरद, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, आयुष्मान कॉडिनेटर डॉ अभिजीत, आयुष्मान मित्र एवं अन्य मौजूद थे।

जीवनरक्षक दवाओं की ना हो कमी : एसडीओ ने सदर अस्पताल में जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की। कहा कि ऐसी दवाओं की कमी ना हो इसका ख्याल रखना है। साथ ही मरीजों का अधिक से अधिक गोल्डन कार्ड बनाने को कहा गया। कुपोषण से निपटने के लिए उपचार केंद्र की व्यवस्था बेहतर रखने एवं केंद्र में बच्चों का उपचार सही से करने को कहा गया। कुपोषण से शिकार बच्चों का चिन्हित एवं जांच में तेजी लाये। नो कॉस्ट, लो कॉस्ट के आधार पर सभी अस्पताल मॉडल अस्पताल के रुप में विकसित करने को कहा गया। सरकार द्वारा जारी किये गये कोरोना गाइडलाइन का अक्षरश: पालन सभी अस्पतालों में हो,यह सुनिश्चित करें।

सात दिन में आएगा छात्रा की जीनोम सिक्वेंसी रिपोर्ट : महीनों बाद जिले में एक छात्रा पाजिटिव पाई गई है। वायरस की जांच को लेकर राज्य में कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं है। ऐसे में मरीज के सैंपल के जीनोम सिक्वैंसी के लिए ओडिशा के लैब में भेजा गया है। जिला से सैंपल रांची भेजी गई, वहां से ओडिशा भेजा गया। जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से दस दिन तक लग सकता है। इधर, प्रतिदिन चार हजार लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि हर सप्ताह विशेष कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। वहीं जिले में वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 300 टेस्टिग हो रही है, जिसे अब बढ़ाया जाएगा।

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