जनवरी से महंगे हो जाएंगे सिथेटिक, सूती व ऊनी वस्त्र
संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया खाद्य पदार्थों के साथ-साथ अब आनेवाले दिनों में पहनावा भी महंगा होगा
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया : खाद्य पदार्थों के साथ-साथ अब आनेवाले दिनों में पहनावा भी महंगा होगा। केंद्र सरकार ने कपड़े पर जीएसटी पांच से बढ़ाकर 12 फीसद कर दी है। इससे सिथेटिक, सूती के साथ-साथ ऊनी कपड़े महंगे भी हो जाएंगे। बढ़ी हुई नई दरें जनवरी से लागू होंगी। कपड़ों के थोक व्यवसायी खालसा वस्त्रालय के गुरजीत सिंह का कहना है कि पहले कोरोना ने मारा, अब 12 फीसद टैक्स होने से उनका कारोबार काफी प्रभावित होगा। राष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर विरोध की तैयारी चल रही है।
सरकार को इस समय व्यापारियों की मदद करनी चाहिए थी, उल्टा टैक्स बढ़ा दिया गया। इससे न सिर्फ आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी बल्कि छोटे व्यापारी भी प्रभावित होंगे। धोती, कुर्ता व कमीज आदि का कपड़ा महंगा हो जाएगा। अन्य कपड़ों में भी बढ़ोतरी होगी। सारा कारोबार बड़े व्यापारियों के हाथ में चला जाएगा। :::::क्या कहते है व्यवसायी :::::
जीएसटी 12 फीसद लगने से पकड़े की कीमत में प्रति मीटर सात फीसद तक की बढ़ोतरी हो जाएगी। इससे दो नंबर के व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा। सरकार से हमारी मांग है कि अभी कम से कम दो साल तक कोई टैक्स न बढ़ाएं।
- दिलीप जैन, कपड़ा व्यवसायी, झुमरीतिलैया।
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कपड़े पर जीएसटी बढ़ने से आम आदमी के ऊपर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे खासकर छोटे व्यापारी अधिक प्रभावित होंगे और सारा व्यापार बड़े व्यापारियों के हाथ में चला जाएगा। -
अरूष छाबड़ा, झुमरीतिलैया।
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अभी कपड़ा व्यापारी करोनाकाल से उबरे हैं। ऐसे में सरकार को हम व्यापारियों का सहयोग करना चाहिए। कपड़ा महंगा होगा तो इसका सीधा असर हमारे व्यवसाय पर पड़ेगा। - अरूण सिंह
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सिथेटिक व सूती कपड़ा महंगा होगा। इसका सीधा असर पहले से महंगाई झेल रहे आम आदमी पर पड़ेगा। सरकार को कपड़े पर पांच फीसद से जीएसटी नहीं लगाना चाहिए।
- दिलीप सोगानी, झुमरीतिलैया। रोजमर्रा की जरूरतों में जिस तरह सब्जी, राशन की जरूरत होती है। वैसे ही कपड़ा भी लोगों के लिए जरूरी है। कपडों में 12 प्रतिशत जीएसटी होने से आम जनता भी जहां त्रस्त होगी, वहीं व्यवसाय भी प्रभावित होगा।
- विपुल चैधरी, झुमरीतिलैया।
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