मेल-एक्सप्रेस का घटा किराया, पैसेंजर पर रेड सिग्नल
संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में से स्पेशल और त्योहार स्पेशल
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया : एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में से स्पेशल और त्योहार स्पेशल का टैग हटते ही न सिर्फ उनके आगे लगा जीरो हट गया, बल्कि किराया भी घट गया। ट्रेनें पहले की तरह चलने लगी, जिससे यात्रियों की जेब को भी राहत मिली। यात्री किराया 30 प्रतिशत तक कम हो गया। पर यह बदलाव अब तक सिर्फ मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में हुआ है। पैसेंजर ट्रेन अब भी पहले की तरह महंगी है। उनके किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ है जिसका सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ रहा है। इसे देखते हुए रेल यात्री अधिकारियों से सवाल पूछे रहे है कि 10 के बदले 30 रुपया किराया कब तक चुकाना पड़ेगा। मालूम हो कि धनबाद से गया तक चलने वाली इंटरसीटी एक्सप्रेस में कोडरमा से गया जंक्शन का किराया 45 रुपये और धनबाद का किराया 60 रूपये लग रहा है। वर्तमान में आसनसोल से वाराणसी तक चलने वाली डेमो ट्रेन का किराया पूर्व की तरह लिया जा रहा है। ऐसे में गया का भाडा पैंसेजर में 20 रूपये और धनबाद का 30 रूपये लग रहा है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलु यह है कि कोडरमा से कवार होतु हुएु मधुपुर एवं कोडरमा हजारीबाग टाउन से बरकाकाना ट्रेन का न्यूनतम किराया गुरूवार तक 30 रूपये लग रहा है। यहां बता दें कोडरमा से बडकाकाना का रूट में पिपराडीह से बरही तक न्यूनतम किराया 30 रूपये लग रहा है, जबकि पहला लाकडाउन से पहले 20 मार्च 2020 तक इसका किराया 10 रूपये लगता था। इसी प्रकार बडकाकाना का किराया 25 वजह 65 रूपये लग रहा है। कोडरमा जक्शन से कोडरमा टाउन जिसकी दूरी लगभग 10 किमी है, इसका भी किराया 30 रूपये न्यूनतम कर दिया गया। इसका किराया राजधनवार तक 30 रूपये ही है। इसी प्रकार रेमा का किराया 15 की जगह 35 रूपये एवं कोडरमा से मधुपुर का किराया 25 की जगह 65 रूपये लग रहा है। कोडरमा मधुपुर पैंसेजर ट्रेन 5 बोगी की है और प्रतिदिन 2 फेरे में 700 से अधिक यात्री सफर करते है। लेकिन रेलवे का किराया नहीं घटने से यात्रियों में मायूसी है।