इंजीनियरिग कालेज को निजीकरण नहीं करने की मांग
संवाद सहयोगी कोडरमा कोडरमा के खनन संस्थान में करीब 100 करोड़ की लागत से इंजीनियरिग
संवाद सहयोगी, कोडरमा: कोडरमा के खनन संस्थान में करीब 100 करोड़ की लागत से इंजीनियरिग कालेज भवन का निर्माण तो हो गया है, लेकिन शिक्षण व्यवस्था शुरू नहीं हो सका है। इजीनियरिग कालेज को निजीकरण करने की भी तैयारी चल रही है। इसे लेकर बरकठ्ठा के पूर्व विधायक जानकी यादव ने राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मिलकर पीपीपी (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशीप) में संचालन नहीं करने की मांग रखी है। मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए पूर्व विधायक ने कहा है कि कोडरमा व इसके आसपास की जनभावनाओं के अनुरूप अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना की गई। इस महाविद्यालय में सत्र 20-21 से शिक्षण कार्य शुरू होना था, लेकिन अब तक शुरू नहीं हो सका है। इससे सरकार की मंशा साफ नहीं हो पा रही है। वहीं अब यह चर्चा है कि सरकार पीपीपी मोड में महाविद्यालय का संचालन करना चाहती है, जो जनहित में नहीं है व स्थानीय लोगों के भावनाओं के विरुद्ध है। महाविद्यालय के निजीकरण का गंभीर दुष्परिणाम शिक्षकों, छात्र-छात्राओं व व्यवस्था पर पड़ेगा।