पीईजी गोदाम में मनमानी से गरीबों की बढ़ी परेशानी

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 08:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 08:36 PM (IST)
पीईजी गोदाम में मनमानी से गरीबों की बढ़ी परेशानी
पीईजी गोदाम में मनमानी से गरीबों की बढ़ी परेशानी

संवाद सहयोगी, कोडरमा: गरीबों तक पहुंचने वाले अनाज मनमानी व हेराफेरी की भेंट चढ़ रहे हैं। एफसीआई स्तर से सही मानिटरिग नहीं होने से अक्टूबर माह का 20 हजार क्विटल अनाज लैप्स कर गया। ऐसे में पर्व के दौरान हजारों गरीब परिवार के समक्ष गंभीर समस्या आना तय माना जा रहा है। एफसीआइ की पीईजी (पब्लिक इंवेस्टर) गोदाम में मनमानी का आलम इस कदर है कि अनाज की हकमारी के साथ-साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों के निर्देशों को भी तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। छोटी-छोटी खामियों के कारण खाद्य वितरण प्रणाली का सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है। पीईजी गोदाम के माध्यम से ही प्रखंडों के एसएफसी गोदामों तक अनाज पहुंचाया जाता है, लेकिन समय पर अनाज का उठाव नहीं होना एवं अनाज में हेराफेरी से लाभुकों की समस्या बढ़ गई है। गत दिनों डीएसओ स्तर से पीईजी गोदाम की जांच में भारी खामियां पायी गई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लिए आवंटित खाद्यान्न के उठाव के लिए तिथी निर्धारित है, लेकिन इन योजनाओं के खाद्यान निर्गत में भी पीईजी गोदाम स्तर से भारी कोताही बरती जाती है। आवंटित मात्रा से कम अनाज उठाव को लेकर श्रमिक बढ़ाने का निर्देश दिया गया, लेकिन संचालक ने इससे इंकार कर दिया। लिहाजा समय पर अनाज उठाव में भारी परेशानी हुई। डीएसओ ने जांच में पाया कि अनाज उठाव के लिए ट्रक 10 बजे डीपो आने के बाद भी वजन के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है जिसके कारण ज्यादा ट्रकों की लोडिग नहीं हो पाती है। कभी ट्रक शाम 4 बजे के बजाय 5 मिनट लेट हो जाता है तो उसे वैरंग वापस कर दिया जाता है। ऐसे में प्रतिदिन के लिहाज से जितने खाद्यान्न का उठाव होना चाहिए वह नहीं हो पाता है। डीपो में हमेशा सर्वर डाउन रहने का मामला भी पाया गया। डीपो में लिक नहीं रहने के कारण भी उठाव बाधित रहता है। लिहाजा, डीएसओ ने पूर्व में ही भारतीय खाद्य निगम के जिला प्रबंधक को इस संबंध में इत्तला कर सर्वर डाउन रहने की स्थिति में नियम के तहत आफ लाइन इंट्री करने, श्रमिकों की संख्या बढ़ाने, विषम परिस्थिति में रैक प्वाइंट से ही खाद्यान आवंटित करने का अनुरोध किया था ताकि मजदूरों को अनाज योजना से वंचित ना होना पड़े।

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