प्रकृति के साथ मानव संबंधों पर लिखी काव्य संग्रह पुस्तक

कोडरमा जिला के झुमरीतिलैया निवासी अधिवक्ता प्रदीप भारद्वाज की पुत्री प

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:38 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:38 PM (IST)
प्रकृति के साथ मानव संबंधों पर लिखी काव्य संग्रह पुस्तक
प्रकृति के साथ मानव संबंधों पर लिखी काव्य संग्रह पुस्तक

संवाद सहयोगी, कोडरमा: कोडरमा जिला के झुमरीतिलैया निवासी अधिवक्ता प्रदीप भारद्वाज की पुत्री प्रदीप्ति भारद्वाज की एक अंग्रेजी कविता संग्रह प्रकाशित हुई है। न्यूयार्क की एक एनजीओ वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसायटी से जुड़कर वन्यजीव संरक्षण पर कार्य कर रही अधिवक्ता प्रदीप्ति इस पुस्तक को लेकर खासा उत्साहित है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कोडरमा में शुक्रवार को इस पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान प्रदीप्ति के पिता अधिवक्ता प्रदीप भारद्वाज मौजूद थे। मंत्री ने प्रदीप्ति के इस प्रयास की सराहना करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रदीप्ति भारद्वाज ने बताया कि यह पुस्तक कथात्मक कविताओं का एक छोटा संग्रह है, जो प्रकृति में मौजूद हर सजीव व निर्जीव वस्तुओं के साथ मनुष्यों के संबंधोंप्रकृति के साथ मानव संबंधों पर लिखी काव्य संग्रह को चित्रित करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कविता आपको दोनों के बीच संबंध व छोटे शहरों में घटित कहानियों की यात्रा पर ले जाती है। अंत में आपके दिल प्रकृति के साथ मानव संबंधों पर लिखी काव्य संग्रहपर एक सुकून देने वाली छाप छोड़ती है। यह ²ष्टिकोण न केवल एक सामाजिक संदेश भेजता है, बल्कि पूर्व काल की सादगी का भी जश्न मनाता है। पुस्तक में संकलित कविताएं हर आम व खास को जोड़ती है। प्रदीप्ति अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को तो देती ही है। उनका मानना है कि पुस्तक लिखने की प्रेरणा उन्हें कोडरमा जैसे छोटे जगह में रहने से मिली। वहीं लिखने की कला को निखारने में इनके दादाजी, स्वर्गीय सरदारलाल भारद्वाज का काफी योगदान रहा। इसलिए इन्होंने यह किताब उनकी स्मृति में समर्पित की है। सिबॉसिस पुणे से एलएलबी कर चुकी लेखिका प्रदीप्ति बताती हैं कि अपनी अगली किताब का लेखन भी प्रारंभ कर दी है, जो की अगले वर्ष प्रकाशित होगी। वह कॉरपोरेट के साथ महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए भी काम करती है। वह साइबर लॉ (साइबर वन्यजीव अपराध) में पीएचडी भी कर रहीं है। प्रदीप्ति का काव्य संग्रह अमे•ाॉन पर 'पॉकेट स्टेपल्स' नाम से उपलब्ध है।

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