कला उत्सव में नृत्य-गीत के जरिए प्रतिभा दिखाएंगे विद्यार्थी
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं एनसीईआरटी दिल्ली
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं एनसीईआरटी, दिल्ली की ओर से माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानने, इसके विकास एवं शिक्षा में कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कला उत्सव का आयोजन किया जाएगा। कोरोना काल में कला उत्सव का आयोजन आनलाइन होगा। सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय, निजी विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय में कक्षा नौवीं से बारहवीं में अध्ययनरत विद्यार्थी इसमें भाग ले सकेंगे। कला उत्सव में नृत्य, गीत, ²श्य कला, स्थानीय खिलौने एवं खेल प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
पारंपरिक लोक व शास्त्रीय गायन पेश करेंगे विद्यार्थी
कला उत्सव में विद्यार्थी हिदुस्तानी व कर्नाटक शैली में शास्त्रीय गायन पेश करेंगे। इसके अलावा प्रतिभागी पारंपरिक लोक गीत, शास्त्रीय व पारंपरिक संगीत पर आधारित वादन, शास्त्रीय व लोक नृत्य के अलावा स्थानीय खिलौने व खेल से संबंधित प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
30 तक भेजी जा सकेगी प्रविष्टि
कला की सभी श्रेणियों से संबंधित प्रविष्टियां 30 अक्टूबर तक भेजी जा सकेंगी। जिला स्तर पर चार सदस्यीय चयन समिति का गठन किया जाएगा। इसमें कला के सभी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होंगे। विद्यालयों से प्राप्त प्रविष्टियों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति के सदस्य विभिन्न श्रेणी से सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन करेंगे। जिला स्तरीय कला उत्सव में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को ट्राफी व प्रमाणपत्र दिया जाएगा। जिले से प्राप्त सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों का मूल्यांकन एवं उनकी आनलाइन लाइव प्रस्तुति 22 से 26 नवंबर तक राज्यस्तरीय चयन समिति के सदस्यों के समक्ष की जाएगी। राज्यस्तरीय कला उत्सव में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
जनवरी 2022 में होगा राष्ट्रीय कला उत्सव
राज्यस्तरीय समिति की ओर से चयनित कला के सभी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी राष्ट्रीय कला उत्सव में भाग लेंगे। राष्ट्रीय उत्सव का आयोजन जनवरी 2022 में होने की संभावना है। कला उत्सव के दौरान कोविड 19 की गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा।
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कला उत्सव में भाग लेकर विद्यार्थी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। इसमें विद्यार्थियों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
अलका जयसवाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी।