सरना कोड लागू होने की खुशी में जेएमएम नेताओं ने मनाया जश्न
डोमचांच प्रखंड के महेशपुर चौक पर जिला समिति के आदेशानुसार झार
संवाद सहयोगी, कोडरमा: डोमचांच प्रखंड के महेशपुर चौक पर जिला समिति के आदेशानुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा सरना कोड लागू होने पर एतिहासिक फैसले की खुशी में कार्यकर्ताओ ने रंग-गुलाल के साथ ढोल-नगाड़ा बजाकर खुशी मनाई। जिलाध्यक्ष श्याम किशोर सिंह ने कहा कि सरना कोड लागू होने से सभी समुदाय में खुशी का माहौल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लिया गया यह फैसला बहुत ही सराहनीय कदम है। सरना धर्म कोड लागू होने से भारत के 15 करोड़ आदिवासियों को अलग पहचान मिलेगी। बुद्धिजीवी मोर्चा के महासचिव गोपाल यादव एवं केंद्रीय समिति सदस्य गंगा प्रसाद यादव ने सयुंक्त रूप से कहा कि प्रकृति की पूजा करने वाले, सरना स्थल पर पूजा करने वाले अपनी अलग पहचान चाहते थे, इसलिए झारखंड सरकार ने 2021 की जनगणना में अलग कालम की मांग कर रहे थे। सरना धर्म झारखंड के आदिवासियों का आदि धर्म है, परन्तु प्रत्येक राज्य के आदिवासी इस धर्म को अलग अलग नाम से जानते और मानते हैं, जबकि आदिवासी आदिमकाल में जंगलो में होते थे, उस समय से आदिवासी प्राकृतिक के सारे नियमों को समझते थे। उस समय से आदिवासी मे जो पूजा पद्धति व परम्परा थी वो अब भी कायम है। इस अवसर पर डोमचांच प्रखंड अध्यक्ष विश्वनाथ राय, मरकच्चो प्रखंड अध्यक्ष रविशंकर सिंह, सतगांवा प्रखंड अध्यक्ष गणेश राय, बुद्धिजीवी मोर्चा के जिला अध्यक्ष गोबिद बिहारी, केन्द्रीय समिति सदस्य धनशयाम सिंह, तारणी प्रसाद, पवन माइकल कुजुर, डोमचांच नगर पंचायत सचिव मुकेश पांडेय, असरफ अंसारी, नौशाद आलम,नंदकिशोर में मेहता, हरिराय, दुखन हेम्बर, छोटी मेहता, तालो हेर्म्व, चंद्रिका मेहता, जयलाल मेहता, कार्तिक मेहता, गोपाल सिंह, सम्मन मरांडी, इत्यादि सैकड़ों लोग शामिल थे।