सैकड़ों कर्मियों को नहीं मिला वेतन, पूजा में बढ़ा संकट

इस बार राज्य व अनुबंध कर्मियों के लिए दुर्गा पूजा का उत्साह फीका पड़

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:21 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:08 AM (IST)
सैकड़ों कर्मियों को नहीं मिला वेतन, पूजा में बढ़ा संकट
सैकड़ों कर्मियों को नहीं मिला वेतन, पूजा में बढ़ा संकट

संवाद सहयोगी, कोडरमा : इस बार राज्य व अनुबंध कर्मियों के लिए दुर्गा पूजा का उत्साह फीका पड़ गया है। जहां एक ओर केंद्रीय कर्मचारी बोनस पाकर खुश हैं वहीं सरकार स्तर से दुर्गा पूजा में प्री-पेमेंट का आदेश जारी नहीं किया गया। लिहाजा सैकड़ों कर्मी सरकार के आदेश का इंतजार करते रहे। पूर्व के वर्षों में माह के अंतिम सप्ताह में बड़े त्यौहार होने पर प्री-पेमेंट का आदेश सरकार स्तर से दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार दुर्गापूजा माह के अंतिम सप्ताह में होने के बाद भी वेतन-मानदेय का आदेश नहीं मिल पाया। सरकार स्तर से सिर्फ उच्च न्यायालय कर्मियों के लिए ही वेतन का आदेश जारी किया गया। ऐसे में छोटे कर्मियों की परेशानी बढ़ी हुई है। खास तौर पर पूजा को लेकर कई जरूरी खर्च अनिवार्य हो जाता है। सीमित संसाधन में एक कर्मी के लिए घरेलू व्यवस्थाओं की पूर्ति करना कठिन कार्य भी होता है। इधर, वेतन जारी नहीं होने से कर्मियों को निराशा हाथ लगी है। राज्य सरकार के दर्जनेां विभागों के सैकड़ों कर्मी प्रभावित हुए है। राज्य योजना में 25 प्रतिशत की बंदिश से संविदा कर्मियों का रुका मानदेय

कोरोना का हवाला देकर राज्य योजनाओं में मात्र 25 प्रतिशत की राशि निकासी की ही शर्तें निर्धारित की गई हैं। इस शर्त के कारण कोडरमा जिले में अनुबंधन पर कार्यरत दर्जनों कर्मियों का मानदेय लटक गया है। राज्य योजना के तहत सीडीपीओ कार्यालय एवं ग्रामीण विकास विभाग में अनुबंध पर नियुक्त कर्मियों का मानदेय नहीं मिल पाया। सरकार द्वारा दिसंबर माह तक यह शर्तें बहाल रखी गई हैं। इससे यह तय है कि ऐसे कर्मियों की दुर्गापूजा के साथ-साथ दीपावली व छठ पर्व भी फीका होगा। मानदेय नहीं मिलने से छोटे कर्मियों को भारी संकट का सामना इन त्योहारों में करना पड़ेगा। बताया जाता है कि विभाग स्तर से मानदेय के लिए बिल बनाकर भेजा भी गया, लेकिन ट्रेजरी में एडवाइस बनाने के दौरान राशि निकासी सर्वर में ही रुक जाता है।

दर्जनों संवेदकों को नहीं हुआ भुगतान

सरकार के निर्णय से संवेदकों को भी भारी संकट का सामना इस पर्व में करना पड़ रहा है। सरकार स्तर से 25 प्रतिशत राशि देने की शर्त के कारण दर्जनों संवेदक कार्य के बाद भी भुगतान से वंचित हो गये। इससे गरीब मजदूर, मिस्त्री, दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं। सरकार के नए आदेश के प्रत्याशा में लोग नित्य कोषागार का चक्कर भी लगाते रहे।

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