स्थानांतरण के एक माह के भीतर पुराने जगह पर हुए प्रतिनियुक्त

शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति का खेल अजीबोगरीब है। पिछले करीब 1

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:08 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 03:56 AM (IST)
स्थानांतरण के एक माह के भीतर पुराने जगह पर हुए प्रतिनियुक्त
स्थानांतरण के एक माह के भीतर पुराने जगह पर हुए प्रतिनियुक्त

जागरण संवाददाता, कोडरमा: शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति का खेल अजीबोगरीब है। पिछले करीब 18 वर्षों से विभाग में जमे एक लिपिक का विभाग के निर्देश पर सामूहिक स्थानांतरण के एक माह से भी कम समय में वापस जिला में प्रतिनियुक्ति कर दी गई। मामला कोडरमा के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव एवं विशेष सचिव सह निदेशक के आदेशानुसार प्रमंडल के आरडीडीई (क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक), हजारीबाग द्वारा एक स्थान पर 3 सालों से अधिक समय से जमे व प्रतिनियुक्त कर्मियों का सामूहिक रूप से दूसरे जिलों में स्थानांतरण किया गया था। तबादला आदेश के तहत कोडरमा के डीईओ कार्यालय में प्रतिनियुक्त लिपिक मनोज कुमार का स्थानांतरण धनबाद जिले में डीएसई कार्यालय में किया गया था। साथ ही उसकी प्रतिनियुक्ति बोकारो जिले में डीएसई के कार्यालय में थी। बावजूद इसके उक्त कर्मी काफी दिनों तक नव पदस्थापित जगह पर योगदान देने में आनाकानी करते रहे। 28 सितंबर को जिले के तत्कालीन डीईओ द्वारा उन्हें पदस्थापन वाले जगह के लिए विरमित कर दिया गया। इसके बाद उक्त कर्मी ने कुछ दिन छुट्टी पर रहने के बाद वहां अपना योगदान दिया। इसके कुछ ही दिन बाद उक्त लिपिक का आरडीडीई स्तर से एक बार फिर प्रतिनियुक्ति कोडरमा डीईओ कार्यालय में कर दी गई। गत 20 अक्टूबर को फिर से एक बार जिले के डीईओ कार्यालय में अपना योगदान देते हुए कार्य संभाल लिया।

चार लिपिकों की प्रतिनियुक्ति की गई

राज्य मुख्यालय के आदेशानुसार क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक द्वारा प्रमंडल स्तर पर काफी संख्या में ऐसे लिपिकों का दूसरे जगहों पर स्थानांतरण किया गया था। इसके तहत डीईओ कार्यालय में पूर्व से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत 4 लिपिकों का स्थानांतरण दूसरे जगहों पर किया गया था। जिसमें उक्त लिपिक मनोज भी शामिल था। इन कर्मियों के स्थानांतरण के बाद आरडीडीई द्वारा इनके स्थान पर डीईओ कार्यालय में दूसरे जिलों से 4 लिपिकों की प्रतिनियुक्ति भी की गई थी। इसके बावजूद पूर्व में स्थानांतरित किए गए लिपिक मनोज कुमार का फिर से विभाग में प्रतिनियुक्ति कर दी गई।

कोट---

लिपिक की प्रतिनियुक्ति विभाग में जरूरत को देखते हुए की गई है। उनका स्थानांतरण रद नहीं किया गया है। केवल प्रतिनियुक्ति की गई है। इसमें वरीय अधिकारियों के आदेश की कोई अवहेलना नहीं है।

मिथिलेश सिन्हा, आरडीडीई, हजारीबाग।

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