प्रकृति संरक्षण में आदिवासी समुदाय की भूमिका अहम : एसी
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कोडरमा में आदिवासी समाज के तत्वाधान में लक्खीबागी स्ि
कोडरमा: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कोडरमा में आदिवासी समाज के तत्वाधान में लक्खीबागी स्थित सरना स्थल पर पौधारोपण किया गया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित अपर समाहर्ता अनिल तिर्की ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में झारखंड के आदिवासी समुदाय की स्वर्णिम गाथाएं रही हैं। सामाजिक कुरीतियों के लिए भी आदिवासी समाज का संघर्ष भूला नहीं जा सकता है। आदिवासी समुदाय अपनी परंपरा संस्कृति को सदैव साथ लेकर चलता है। आज पूरा विश्व पर्यावरण संकट से जूझ रहा है। प्रकृति में बदलाव से हर कोई संकट झेल रहा है, लेकिन प्रकृति संतुलन को बनाए रखने में आदिवासी समुदाय की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। प्रकृति का संरक्षण आदिवासी समाज से बेहतर कोई नहीं कर सकता है। प्रकृति को बचाने के लिए आदिवासी समाज पेड़ों की पूजा करते है। जंल, जंगल और जमीन से आदिवासियों के आस्तित्व जुड़ा है। ऐसे में घटते जंगल को लेकर अब जागरूक होकर सभी को पौधे लगाने व जंगल को बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल राज्य की बेहतरी के लिए सभी को संकल्प लेने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज के लोगों को शिक्षा पर जोर दिया। कहा कि शिक्षा से ही समाज व राज्य की तरक्की संभव है। इस मौके पर डीआरडीए निदेशक नेलशन एयोन बागे, आदिवासी समाज के अध्यक्ष पवन माईकल कुजूर, अनिल हांसदा आदि मौजूद थे।