अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से चरमराई व्यवस्था
अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी आयुष चिकित्सक व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ।
संवाद सहयोगी, कोडरमा: अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी, आयुष चिकित्सक व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है और खासकर वैश्विक महामारी के समय में इस हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। समायोजन कर नियमित करने की मांग को लेकर अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मी बुधवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ज्ञात हो कि मंगलवार को सांकेतिक हड़ताल कर सरकार को चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन झारखंड सरकार के द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण सदर अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लेबर रूम, ट्रूनेट सेंटर, ब्लड बैंक, ओपीडी और टीकाकरण पर व्यापक असर पड़ा है। अगर हड़ताल लंबा चली तो स्थिति भयावह हो सकती है। बुधवार को भी हड़ताल मे शामिल आयुष चिकित्सक, अनुबंधित एएनएम, जीएनएम, मेडिकल स्टाफ, लैब तकनीशियन आदि सदर अस्पताल परिसर मे धरना दिया और नारेबाजी करते हुए अपने मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की। ये है कर्मियों की मुख्य मांगें::::::
1. झारखंड चिकित्सा अनुबंध कर्मी एवं आयूष चिकित्सक का सीधा समायोजन कर आईपीआर नियम के अनुसार लैब तकनीशियन, आरबीएसके चिकित्सक के स्वीकृत पद को सृजित कर अविलंब समायोजन किया जाए।
2. कर्मियों को कोविड प्रोत्साहन राशि देते हुए पचास लाख का बीमा किया जाए।
3. सभी कर्मियों एवं अनुबंध चिकित्सक को ईपीएफ के अंदर शामिल कर ईपीएफ राशि का कटौती की जाए। ब्लड बैंक में लटका ताला, ट्रूनेट लैब के बाहर सन्नाटा:::
अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल की वजह से सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में ताला लटका रहा। दरअसल ब्लड बैंक के दोनों कर्मचारी अनुबन्ध पर है। ब्लड बैंक के बंद रहने की वजह से मरीज के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं हड़ताल की वजह से सदर अस्पताल स्थित ट्रूनेट जांच केंद्र के बाहर भी सन्नाटा पसरा रहा। सदर अस्पताल में कार्यरत 11 लैब टेक्नीशियन अनुबंध पर कार्यरत हैं, जो हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं 119 एएनएम, 45 जीएनएम और 200 आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर होने की वजह से कामकाज प्रभावित रहा।
:::प्रखंडों में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों से लिया जाएगा कार्य: सीएस
कोरोना काल में अनुबंध कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों को सदर अस्पताल में योगदान के लिए बुलाया जा रहा है। हालांकि जितनी तादद अनुबंध कर्मियों की है, उस कमी की भरपाई सरकारी कर्मियों से नहीं हो पाएगी, लेकिन सदर अस्पताल में आवश्यक व्यवस्थाओं को जारी रखा जा सकता है। हड़ताल पर बैठे अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों से वार्ता की जाएगी और उनसे योगदान देनी का आग्रह किया जाएगा। सदर अस्पताल की ज्यादातर सेवा अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के भरोसे ही संचालित होती है, ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है।
डॉ. पार्वती नाग, सिविल सर्जन, कोडरमा।