14 एकड़ में पौधा लगाया, फिर यहीं बनाया आशियाना
झुमरीतिलैया शहर के गांधी स्कूल रोड स्थित स्व. विश्वनाथ मोदी का बगीचा से शहर का कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है।
जागरण संवाददाता, कोडरमा: झुमरीतिलैया शहर के गांधी स्कूल रोड स्थित स्व. विश्वनाथ मोदी का बगीचा से शहर का कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है। स्वतंत्रता आंदोलन के में अग्रणी भूमिका निभानेवाले विश्वनाथ मोदी आजादी के बाद के दिनों में कोडरमा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए थे। समाजवादी व प्रखर गांधीवादी विचारधारा के विश्वनाथ मोदी का यह बगीचा करीब 14 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। बगीचे में करीब 5 हजार से ज्यादा पेड़ लगे हैं। इसमें सखुआ, शीशम, आम, गम्हार समेत कई तरह के इमारती लकड़ी व फलदार वृक्ष तैयार हो गए हैं। आज उनकी चौथी पीढ़ी के बच्चे इस जंगल को देखकर आनंदित होते हैं। जंगल में अधिकतर शीशम के पेड़ हैं, जो दो से तीन फीट व्यास के हो गए हैं। पूर्व विधायक स्व. विश्वनाथ मोदी जीवनपर्यंत इसी जंगल के आगे अपनी आशियाना बनाकर रहे। जबतक जीवत रहे वे रोज अपने द्वारा लगाए इस बगीचे को निहारने निकलते थे। उन्होंने अपनी एक पुस्तक में इस बगीचे का जिक्र करते हुए सन् 1974 में गांव की जमीन को बेचकर झुमरीतिलैया में यहां बंजर जमीन खरीदी थी। यहां एक कुआं खुदवाने के बाद उन्होंने यहां और गांव की बची जमीन में करीब 15 हजार पौधे लगवाए। उनके द्वारा लगाए इस बगीचे का निरीक्षण करने बिहार सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक आकर उनके इस अनुकरणीय पहल की खूब प्रशंसा करते थे। विश्वनाथ मोदी के पुत्र 75 वर्षीय सुभाष चंद्र मोदी कहते हैं, अपने पिता के इस बगीचे को वे लोग धरोहर की तरह रखे हैं। कुछ सूखे पेड़ को विभागीय अनुमति से काटकर हटाए हैं, लेकिन एक भी हरे पेड़ को कभी नहीं काटा। आज उनके लिए यह संपत्ति करोड़ों में है। साथ ही प्रकृति की इस मनोरम वादियों के बीच आशियाना होना काफी शुकून देता है। उन्होंने कहा कि बगीचे में अनेक पौधे वे अपने पिता के साथ खुद अपने हाथों से लगाए थे, जो आज बड़े वृक्ष का रूप ले चुके हैं।