Jharkhand Assembly Election 2019: 14 साल से मरांडी के साथ थे, अब खालिद ने राजद का दामन थामा

Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव खालिद खलील आज झाविमो छोड़ राजद की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

By Edited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 07:25 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 09:26 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: 14 साल से मरांडी के साथ थे, अब खालिद ने राजद का दामन थामा
Jharkhand Assembly Election 2019: 14 साल से मरांडी के साथ थे, अब खालिद ने राजद का दामन थामा

कोडरमा, जेएनएन। कोडरमा झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव खालिद खलील सोमवार को झाविमो छोड़ राजद का लालटेन थाम लिए। राजधानी रांची में राजद की सदस्यता ली। अब उनका बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से राजद उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है। सूबे में राजद, कांग्रेस, झामुमो के महागठबंधन में यह सीट राजद के खाते में गई है। ऐसे में वे यहां से महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। ज्ञात हो कि खालिद खलील पिछले 14 वर्षों से बाबूलाल मरांडी के साथ थे। मरांडी ने उन्हें पार्टी का केंद्रीय महासचिव बनाया था, लेकिन कुछ बातों को लेकर उभरे मतभेद के बाद उन्होंने यह कदम उठाया।

खालिद ने कहा कि बरकट्ठा में उनकी लड़ाई जनता के साथ विश्वासघात करने वालों से होगी। इस क्षेत्र में वे पिछले कई वर्षों से जनता का काम करते रहे हैं। बरकट्ठा क्षेत्र की जनता की उम्मीदों और उनकी भावनाओं को ख्याल रखते हुए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भले ही आज उनके रास्ते अलग हुए हैं, लेकिन उन्हें बाबूलाल मरांडी से कोई शिकायत नहीं है।

सनद हो कि कोडरमा जिला अंतर्गत पड़नेवाले दो विधानसभा क्षेत्र कोडरमा व बरकट्ठा महागठबंधन के तहत राजद के खाते में गई है। कोडरमा सीट पर राजद ने सुभाष यादव को मैदान में उतारा है। वहीं बरकट्ठा से खालिद खलील को उम्मीदवार बनाने के पीछे पार्टी का मकसद राजद के परंपरागत वोट बैंक एमवाई समीकरण को मजबूत कर लक्ष्य को साधने का है। दोनों विधानसभा क्षेत्र में माई समीकरण किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत के लिए निर्णायक सिद्ध हो सकता है।

हालांकि माई समीकरण को बनने से रोकने के लिए दोनों सीटों पर क्षेत्र के मुख्य व सत्ताधारी दल भाजपा ने भी दोनों सीटों पर यादव प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा है। कोडरमा से डॉ नीरा यादव व बरकट्ठा से जानकी यादव भाजपा के घोषित उम्मीदवार हैं। ऐसे में यह राजद का यह प्रयोग कितना सफल होगा, यह आनेवाले दिनों में ही तय हो पाएगा।

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