कोहरे से निपटने को ले रेल इंजनों में लग रहे फोग सेफ डिवाइस

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) ठंड के मौसम में सुरक्षित रेल परिचालन के लिए अतिरिक्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 07:17 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 07:17 PM (IST)
कोहरे से निपटने को ले रेल इंजनों में लग रहे फोग सेफ डिवाइस
कोहरे से निपटने को ले रेल इंजनों में लग रहे फोग सेफ डिवाइस

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा) : ठंड के मौसम में सुरक्षित रेल परिचालन के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरती जा रही हैं। इसके लिए जहां एक ओर ट्रेनों की गतिसीमा आवश्यकतानुसार घटाई गई है। वहीं ट्रेनों के इंजन में फोग सेफ डिवाइस लगाए जा रहे हैं। इसके लगने से ट्रेनों के परिचालन पर असर ज्यादा नहीं पड़ेगा। वहीं दुर्घटना से भी बचा जा सकेगा। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इसे मेल-एक्सप्रेस सभी ट्रेनों में लगाया जाएगा। पूमरे को 10714 ऐसे डिवाइस मिले हैं, जिसमें से 1714 डिवाइस विभिन्न यात्री ट्रेनों व मालगाड़ी में लगाए जा चुके हैं। इसके लगने से कोहरे के दौरान गाड़ियों की लेटलतीफी कम होगी। साथ ही यात्रियों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। ट्रेनों के सुचारु परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल ने शत-प्रतिशत मेल एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फाग सेफ डिवाइस अगले कुछ दिनों में लगाए जाएंगे। क्या है डिवाइस, कैसे होगी सुरक्षा :

फाग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आने वाले सिग्नल की चेतावनी देता है। इस पर लोको पायलट ट्रेन की स्पीड नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा फाग मैन भी तैनात किए जा रहे हैं, जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिग्नल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल पटरी फ्रैक्चर से बचाव व समय पर इसकी पहचान के लिए उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिग की जा रही है। इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी वहीं कोहरे के बाद भी समय पालन करने में मदद मिलेगी। लाइन पेट्रोल करने वाले कर्मियों को जीपीएस भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके। सिग्नलों की बढ़ेगी दृश्यता :

सिग्नलों की विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए साइटिग बोर्ड, फाग सिग्नल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिग बैरियर आदि को काले व पीले रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिग्नल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाए गए हैं, ताकि लोको पायलटों को कुहासे वाले मौसम में सिग्नल के बारे में अधिक सतर्क हो जाएं। घने कोहरे में स्टाप सिग्नल की पहचान के लिए इससे पहले एक विशेष पहचान चिह्न सिगमा के आकार का लगाया जाएगा, ताकि चालक को उसकी आसानी से जानकारी हो सके। रेल गुमटियों पर लगातार बजाएंगे हार्न :

सभी स्टेशन मास्टरों व लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना नियंत्रण कक्ष को दें। इसके बाद ²श्यता जांच वीटीओ (विजिबिलिटी टेस्ट आब्जेक्ट) से करें। ²श्यता बाधित होने की स्थिति में लोको पायलट ट्रेन गाड़ी की गति को नियंत्रित कर लेंगे। समपार फाटक पर तैनात गेटमैन व आम लोगों तक ट्रेन गुजरने की सूचना मिल सके इसलिए लोको पायलट काफी पहले से लगातार हार्न बजाएंगे ताकि यह पता चल सके कि ट्रेन इधर से गुजरने वाली है।

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