अंचलों में दबाये जा रहे म्यूटेशन के मामले, चार सीओ से स्पष्टीकरण

संवाद सहयोगी कोडरमा आनलाइन म्यूटेशन आम जनता को राहत नहीं दे रहा है। अंचलों में ऐस

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 07:21 PM (IST)
अंचलों में दबाये जा रहे म्यूटेशन के मामले, चार सीओ से स्पष्टीकरण
अंचलों में दबाये जा रहे म्यूटेशन के मामले, चार सीओ से स्पष्टीकरण

संवाद सहयोगी, कोडरमा : आनलाइन म्यूटेशन आम जनता को राहत नहीं दे रहा है। अंचलों में ऐसे मामलों में दोहन-शोषण भी जमकर हो रहा है। रैयतों को कार्यालय का चक्कर लगाने के साथ-साथ मानसिक परेशानी भी हो रही है। यहां तक कि कई मामलों में जान बुझकर भी 30 दिनों से अधिक समय तक आवेदन लटकाया जाता है। जबकि कई मामलों में अनावश्यक रूप से आवेदन रिजेक्ट भी किया जा रहा है। ऐसे में जनता हैरान व परेशान है। अपर समाहर्ता ने समीक्षा के दौरान विभिन्न अंचलों में 30 दिनों एवं 90 दिनों से अधिक समय से लंबित मामलों को गंभीरता से लेते हुए कोडरमा, चंदवारा, डोमचांच व जयनगर सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं अधिक समय तक आवेदन लंबित मामले में संबंधित सीओ पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई है। इसमें सबसे खराब स्थिति कोडरमा अंचल की है, जहां म्यूटेशन के मामले में आम जनता को राहत नहीं मिल पा रहा है। यहां 365 मामले 30 दिनों से अधिक समय तक एवं 24 मामले 90 दिनों से अधिक समय के बाद भी लंबित रखा गया है। इस अंचल में करीब 12 हजार आवेदनों को रिजक्ट कर दिया गया। जिस पर कई रैयत द्वारा उच्चाधिकारियों के समक्ष अनावश्यक रूप से रिजेक्ट करने का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं चंदवारा अंचल में भी स्थिति चिताजनक है। यहां 37 मामले 30 दिनों से अधिक एवं 50 मामले 90 दिनों से अधिक समय से लंबित है। जयनगर अंचल में 39 मामले 90 दिनों से अधिक एवं डोमचांच में 39 मामले 90 दिनों से अधिक समय से लंबित है। जबकि प्रावधानों के तहत 90 दिनों के अंदर आपत्ति के साथ मामलों का निष्पादन किया जाना है। अपर समाहर्ता ने संबंधित सीओ को झारखंड राज्य सेवा की गारंटी अधिनियम का हवाला देते हुए 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर 5 हजार रूपया जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।

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