जक से 115 साल पुराने मंदिर को उठाया जाएगा पांच फीट ऊपर
संवाद सूत्र जयनगर (कोडरमा) तकनीक के दौर में कई नामुमकिन चीजें भी मुमकिन हो रही है।
संवाद सूत्र, जयनगर (कोडरमा): तकनीक के दौर में कई नामुमकिन चीजें भी मुमकिन हो रही है। जिले के जयनगर प्रखंड में 115 साल पुराने मंदिर को अत्याधुनिक तकनीक से 5 फीट ऊंचा करने का काम शुरू कर दिया गया है। अत्याधुनिक तकनीक से शुरू हुए इस कार्य से मंदिर को अबतक 1.45 फीट ऊंचा कर दिया गया है। इसके लिए बिहार के मधेपुरा जिले के बरिहाल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा 16 मजदूर लगभग एक सप्ताह से कार्य कर रहे हैं। मंदिर को ऊंचा उठाने के लिए 130 जक तथा लोहे के दर्जनों चैनल इस्तेमाल किए जा रहे हैं। दुर्गा मंदिर किस प्रकार ऊंचा उठेगा इसे देखने के लिए आसपास के दर्जनों लोगों की दिनभर भीड़ लगी रहती है। सोमवार की सुबह तक कारीगरों ने लगभग डेढ़ फीट मंदिर को ऊंचा भी उठा लिया। मंदिर को पांच फीट ऊंचा उठाने के लिए लगभग 15 दिन लगेंगे। बताते चलें कि वर्ष 1906 में इस मंदिर की नींव रखी गई थी। उस समय मिट्टी से ही इसका निर्माण कराया गया था। बाद में 1988 ई. में इसे मिट्टी और ईंट से बनाया गया। उस समय मंदिर निर्माण में लगभग तीन लाख रुपया खर्च आया था। जैसे-जैसे समय बीतता गया और आसपास भवन बनते गए, सड़क ऊंची होती गई, जिससे मंदिर काफी नीचे चला गया। यहां माता की पूजा के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना में काफी परेशानी होती थी क्योंकि आसपास के सड़कों की पानी मंदिर परिसर में घुस जाता था। पूजा प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष सुभाष स्वर्णकार की माने तो कई बार समिति में निर्णय लिया जाता रहा कि मंदिर को तोड़कर बनाया जाए, परंतु इसे बनाने में लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आने की संभावना जताई जा रही थी। बाद में समिति को यह पता लगा कि अत्याधुनिक तरीके से मंदिर को ऊंचा उठाया जा सकता है। इसके लिए समिति ने बरिहाल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से संपर्क साधा और यह कार्य करने का निर्णय ले लिया गया। उन्होंने बताया कि मंदिर को पांच फीट ऊंचा करने के लिए मात्र पांच लाख रुपये खर्च आएगा। फिलहाल प्रतिदिन एक से डेढ़ फीट मंदिर को ऊंचा किया जा रहा है। क्या कहते हैं कंपनी के प्रोपराइटर :
बरिहाल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोपराइटर सतीश कुमार मंडल की माने तो मंदिर काफी पुराना है। इसमें टाइ बीम नहीं दी गई है, जिससे थोड़ी परेशानी हो रही है। लेकिन मंदिर को सही सलामत ऊंचा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर को ऊंचा करने में 16 मजदूर 130 जक तथा 30 लोहे के चैनल इस्तेमाल किए जा रहे हैं। 30 वर्षीय सतीश कुमार मंडल इंटरमीडिएट पास है और वे चेन्नई में एक कंपनी में मुंशी का काम करते थे। इस अत्याधुनिक तकनीक के बारे में उन्होंने जानकारी ली और आज पूरे भारत के कई राज्यों में 1,000 से अधिक बड़े बड़े भवनों और मंदिरों को ऊंचा कर चुके हैं। 800 वर्गफीट में बना है मंदिर :
प्राचीन दुर्गा मंदिर तकरीबन 800 वर्गफीट मे बना है। मंदिर के काफी पुराना होने के कारण उसके लिफ्टिग में सावधानी बरती जा रही है। मंदिर समिति के सदस्य कारू सिंह और रामनारायण स्वर्णकार ने बताया कि लिफ्टिग कंपनी मंदिर को उपर उठाने के लिए 140 रूपये वर्गफीट के हिसाब से पैसा लेगी और उसके बाद उसमें भराई और मंदिर के नीचे खाली स्थान में दीवार की जोड़ाई और पिलर निर्माण का पैसा अलग से लगेगा। मंदिर को ऊपर उठाने के क्रम में सामने की एक दीवार में हल्की दरार भी आई है। समिति के सदस्यों ने बताया कि यह मंदिर सदियों पुराना है ऐसे में इसकी मान्यता और इसका स्वरूप बरकरार रहे इसी कारण नए मंदिर के जगह पुराने परिसर को ही उपर उठाने का निर्णय लिया गया है।