गूंजा जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल..
प्रकाश पर्व को लेकर गुरुवार को झुमरीतिलैया के गुरु
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): प्रकाश पर्व को लेकर गुरुवार को झुमरीतिलैया के गुरुद्वारा रोड स्थित गुरुसिंह सभा शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ से आए हरिवंदर सिंह निरोल एवं टीम ने शबदकीर्तन प्रस्तुत कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम के बीच-बीच में बोले सो निहाल, सत श्री अकाल..गूंजता रहा। मौके पर छत्तीसगढ़ से आए हरिवंदर सिंह निरोल ने कहा कि कहा कि गुरुनानक देव जी की जयंती हिदू कैलेंडर अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इसे प्रकाश उत्सव या गुरु पर्व भी कहा जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में लाहौर के पास राय भोई की तलवंडी (अब ननकाना साहिब) में हुआ था। गुरु नानक जयंती उत्सव पूर्णिमा दिवस से दो दिन पहले शुरू हो जाता है। गुरू नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती है। इसलिए उनका जन्म दिवस प्रकाश पर्व कहा जाता है। उनके बताये मार्गों पर चलकर ही पूरे मानव समाज का कल्याण किया जा सकता है। गुरुसाहब ने मनुष्य को लोभ का त्याग व हमेशा परिश्रम से धन कमाने की सीख दी। वहीं महिलाओं को हमेशा सम्मान का उपदेश दिया। सबसे महत्वपूर्ण उन्होंने खूद की बुराइयां व गलत आदतों पर विजय प्राप्त करने एवं सभी को प्रेमभाव से रहने का उपदेश दिया। उनकी शिक्षा को सभी को अपनाना चाहिए। दूसरी ओर शुक्रवार को गुरुद्वारा परिसर में सुबह 10.30 बजे से दीवान सजेगा एवं कानपुर से आए रागी जत्था वीरेंद्र सिंह एवं टीम द्वारा शबद कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा। 28 अक्टूबर से चल रहा अखंड पाठ साहेब की लड़ी का समापन भी होगा। पुन: रात्रि 8 बजे फूलों के साथ दीवान सजाया जाएगा एवं रागी जत्था के द्वारा शबद कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं रात्रि 1.40 बजे जन्मोत्सव को लेकर आतिशबाजी की जाएगी। इधर, गुरुनानक देवजी महाराज के 552वें प्रकाशोत्सव को लेकर 14 से 18 नवंबर तक प्रभात निकाली गई। गुरुवार को प्रभातफेरी का समापन हुआ। प्रभातफेरी नगर गुरुद्वारा कलगीधर सिंह सभा डॉक्टर गली, गुरुद्वारा गुरुनानकपुरा रांची-पटना का भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम में ग्रंथी राजा सिंह, पिटू सिंह, कुलदीप सिंह, बाबा सुरजीत सिंह, वीरेंद्र सिंह, निरंजन सिंह, गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा के प्रधान अवतार सिंह सिट्टी, सचिव यशपाल सिंह गोल्डन, कोषाध्यक्ष हरभजन सिंह खालसा, पूर्व सचिव हरजीत सिंह सलूजा, अशोक छाबड़ा, मंजीत सिंह सलूजा, रिकू सिंह, अमरजीत छाबड़ा, इंद्रजीत सिंह कालरा, रवि सलूजा, दलजीत सिंह, अजय सलूजा, रिकू सिंह, यशविदर सिंह खालसा, गौतम अरोड़ा, प्रिस छाबड़ा, बॉबी लांबा, मंजीत सिंह छाबड़ा, सबीन्द्र सिंह, बबन सिंह, जोली सलूजा, जसवीर सिंह, सन्नी सलूजा, आशीष भाटिया, जितेंद्र भाटिया, नवजीत सिंह, अमनदीप सिंह, लखवीर सिंह, दलजीत सिंह, रिक्की, अनमोल सिंह, हरभजन सिंह सोनी, गौतम कालरा, रामावतार सिंह, हरभजन सिंह भल्ला, संजय सूद, किशोर भाटिया, हरपाल सिंह बंडल, मंजीत कौर, दलजीत कौर, प्रिया सलूजा,श्रुति कौर, जसवीर कौर, मिली सलूजा, प्राची सलूजा, अन्नू चावला, सुरेंद्र कौर, सुदेश सलूजा, प्रीति छाबड़ा, जसवीर कौर खनूजा, सुरेंद्र सिंह कौर खालसा, अमरजीत कौर, रिकू सिंह आदि उपस्थित थे।