अल्ट्रा मेगा पावर को ले रेस हुई सरकार, भूमि सत्यापन के लिए बनी कमेटी

संवाद सहयोगी कोडरमा चार हजार मेगावाट क्षमता के प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट को ले

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:33 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:33 PM (IST)
अल्ट्रा मेगा पावर को ले रेस हुई सरकार, भूमि सत्यापन के लिए बनी कमेटी
अल्ट्रा मेगा पावर को ले रेस हुई सरकार, भूमि सत्यापन के लिए बनी कमेटी

संवाद सहयोगी, कोडरमा : चार हजार मेगावाट क्षमता के प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट को लेकर सुगबुगाहट एक बार फिर शुरू हो गई है। वर्ष 07-08 में इस परियोजना को लेकर कोडरमा के जयनगर इलाके से करीब एक हजार भूमि अधिग्रहण के लिए चिह्नित किया गया था। लंबे समय तक ग्रामीणों के विरोध के बाद इस प्रोजेक्ट से संबंधित एजेंसी रिलायंस पावर ने हाथ पीछे खींच लिया। अब वर्षों बाद कोडरमा के जयनगर व हजारीबाग के बरही से ली जाने वाली कुल चार हजार एकड़ भूमि का सत्यापन करने का निर्देश उर्जा विभाग द्वारा दिया गया है। इसे लेकर हजारीबाग में एसी के नेतृत्व में एवं कोडरमा में जिला भूअर्जन पदाधिकारी के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है। दोनों जिलों की कमेटी द्वारा संबंधित अंचलों की भूमि सत्यापन कर एक्सन प्लान तैयार किया जाएगा। दोनों जिलों के डीसी के निर्देश पर बनी कमेटी आपसी समन्वय स्थापित कर संबंधित अंचलों में अर्जनाधीन भूमि की जांच करेंगे। कोडरमा के जयनगर अंचल में परियोजना को लेकर 283.66 एकड़ रैयती, 690.13 एकड़ गैरमजरूआ खास एवं 4.15 एकड़ गैरमजरूआ आम भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। हालांकि झारखंड उर्जा विभाग से इस संबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि इस इलाके में उर्जा विभाग बड़ी परियोजना पर विचार कर रहा है।

: रैयतों ने की बैठक, कहा जान देंगे पर जमीन नहीं :

संवाद सूत्र, जयनगर : हजारीबाग एवं कोडरमा जिला को जोड़ने वाली बराकर नदी घाट पर बरही तथा जयनगर में प्रस्तावित 4000 मेगा वाट के अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट कि जब जब अधिकारियों में सुगबुगाहट होती है तब तक ग्रामीण इसका विरोध जताते हैं। सोमवार को भी हजारीबाग तथा कोडरमा के पदाधिकारियों की आने की सूचना पाकर ग्रामीण इसका विरोध जताने के लिए पपराओं में बैठक की। बैठक में डहुआटोला, बाराडीह, सुगासांख, कुशाहन, दुबई, महेशमराय, कोकहराढाब, पपराओं तथा बिहारो के दर्जनों रैयतों ने भाग लिया। इस दौरान किसान सहदेव यादव ने कहा कि जब भी कहीं पावर प्लांट लगाया जाता है तो वहां के रैयतों को सिर्फ धोखा ही मिलता है। इसका जीता जागता उदाहरण कोडरमा थर्मल पावर प्लांट है। कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में पहुंच वाले राज कर रहे हैं और रैयत धूल फांकने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि जयनगर प्रखंड के रैयतों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि वे जान देंगे पर अपनी जमीन नहीं। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए अधिवक्ता रंजीत कुमार यादव ने कहा कि कोई भी प्लांट लगाने के लिए सबसे पहले वहां के रैयतों की आम सहमति लेनी होती है। परंतु जब 2009 में इसकी प्रस्ताव आई थी तो अधिकारियों ने बगैर रैयतों के सहमति लिए बिना इसका प्रस्ताव भेज दिया। कहा कि रैयतों का सिर्फ एक ही निर्णय है कि वे जमीन नहीं देंगे। बैठक को किशोर यादव, ब्रह्म देव राणा, अशोक रजक, कालीचरण यादव, प्रेम यादव, भागवत सिंह, महेश यादव आदि ने भी संबोधित किया और एक स्वर में कहा कि किसी भी परिस्थिति में अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट के लिए रैयत जमीन नहीं देंगे। बैठक की अध्यक्षता सहदेव यादव ने किया जबकि संचालन शंकर सिंह ने किया। इस अवसर पर महेश यादव, राजेश यादव, रामू यादव, अर्जुन यादव, कन्हा यादव, रामेश्वर यादव, बैजनाथ यादव, सुखदेव यादव, नागेश्वर यादव, सत्यनारायण यादव, शिव लाल यादव, मोहन सिंह सहित कई रैयत उपस्थित थे।

इन गांवों में भूमि होना है अधिग्रहण :

जयनगर अंचल अंतर्गत कोकहराढाब में रैयती 13.58, जीएम खास 1.17 एकड़, बिहारो में रैयती 7.57 एकड़, एवं जीएम खास 14.90 एकड़, सुगासांख में रैयती 30.49 एकड़, जीएम खास 27.88 एकड़, महेशमराय में रैयती 8.15 एकड़ एवं जीएम खास 15.97 एकड़, कुशाहन में रैयती 11.25 एकड़ एवं जीएम खास 43.13 एकड़, डहुआटोला में रैयती 1.75 एकड़ एवं जीएम खास 48.95 एकड़, धुसई में रैयती 70.09 एकड़, जीएम खास 171.45 एकड़ एवं जीएम आम 2.75 एकड़, पपरोन में रैयती 116 एकड़, जीएम खास 287 एकड़ एवं जीएम आम 1.04 एकड़ तथा बाराडीह में रैयती 24 एकड़, एवं जीएम खास 79.20 एकड़ भूमि को अधिग्रहण के लिए पूर्व में चिह्नित किया गया था।

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