पट खुलते ही बिल्ववृक्ष की पूजा

जयनगर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित दुर्गापूजा को लेकर क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 07:04 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 07:04 PM (IST)
पट खुलते ही बिल्ववृक्ष की पूजा
पट खुलते ही बिल्ववृक्ष की पूजा

संवाद सूत्र, जयनगर (कोडरमा): जयनगर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित दुर्गापूजा को लेकर काफी धूमधाम देखने को मिल रहा है। मंगलवार को विभिन्न पंडालों के उद्घाटन के बाद मंदिरों का पट खुला और मां दुर्गा के दर्शन को काफी भीड़ लगी रही। षष्ठी पर बिल्ववृक्ष पूजा के उपरांत मंगलवार को नदी पूजा तथा नवपत्रिका देवी की अर्चना की गई। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी सहित ब्राह्माण मंडली भजन

कीर्तन के साथ अक्तो नदी पहुंचे जहां नदी की पूजा की गई। पूजा के बाद लोग पुन: पहरीडीह, स्वर्णकार मोहल्ला, मोदी मोहल्ला होते हुए दुर्गा मंदिर परिसर पहुंचे। इसके साथ ही मां भगवती नौ देवी, नवदुर्गा का आगमन दुर्गा मंदिर में हुआ और दुर्गा पूजा का मूल पूजा प्रारंभ हुई। सार्वजनिक दुर्गा

पूजा समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र मोदी ने बताया कि यहां लगभग एक सौ वर्षो से

दुर्गा पूजा मनाया जा रहा है। हर वर्ष धूमधाम से दुर्गापूजा मनाया जाता

था। लेकिन विगत दो साल से कोरोना वायरस के कारण सरकार के गाइडलाइन के अनुसार पूजा व मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेंद्र मोदी, शांति समिति के अध्यक्ष राजू सिंह, सचिव संतोष साव, कोषाध्यक्ष सुभाष स्वर्णकार, प्रवक्ता शशिकांत प्रसाद, विनोद कुमार साव, प्रमोद सिंह, अनुज

सिंह, विकी सिंह, पप्पू सिंह, राजू सिंह, सुरेंद्र मोदी, प्रमोद सिंह, आकाश

कुमार, धीरज सिंह, हरि सिंह, प्यारे लाल पांडेय, छोटी पांडेय, संजय

पांडेय, खुशलाल पांडेय राम प्रकाश पांडेय आदि उपस्थित थे।

माता के सातवें स्वरूप माता काल रात्रि की हुई पूजा

मरकच्चो: प्रखंड के मरकचो, जामु ,डूमरडीहा ,नई टांड ,विचरिया ,नावाडीह 1 बरवाडीह ,खेशमी, देवीपुर, राजा रायडीह,नावाडीह 2,पपलो समेत कई गांव के दुर्गा मंडपों में शारदीय दुर्गा पूजा को लेकर माहौल भक्तिमय हो गया है ।नवरात्र के सातवे दिन मंगलवार को मरकच्चो दुर्गा मंडप समेत प्रखंड के विभिन्न गांवों में दुर्गा मंडपों एवं घरों में माता के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि माता की पूजा-अर्चना विधि-विधान व मंत्रोच्चारण के साथ किया गया । इस संबंध में मरकच्चो दुर्गा मंडप में बनारस से पधारे पुजारी पवन कुमार पांडे ने श्रद्धालुओं को बताया कि शारदीय दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की पूजा होती है। यह दुर्गा मां का सातवां अवतार है। नवरात्र के सातवें दिन पूजी जाती हैं मां कालरात्रि। कालरात्रि देवी को गुड़ बहुत पसंद है, इसलिए महासप्तमी के दिन उन्हें इसका भोग लगाना शुभ माना जाता है। शक्ति का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है। मान्यता है कि मां कालरात्रि ही वह देवी हैं जिन्होंने मधु कैटभ जैसे असुर का वध किया था। कहते हैं कि महासप्तमी के दिन पूरे विधि-विधान से कालरात्रि की पूजा करने पर मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

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