सृष्टिचक्र में सतयुग के प्रथम राजकुमार श्री कृष्ण हैं: बीके अनिता

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) कोडरमा के सहाना रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान में

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 07:18 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 07:18 PM (IST)
सृष्टिचक्र में सतयुग के प्रथम राजकुमार श्री कृष्ण हैं: बीके अनिता
सृष्टिचक्र में सतयुग के प्रथम राजकुमार श्री कृष्ण हैं: बीके अनिता

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा) : कोडरमा के सहाना रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान में रविवार को श्री कृष्णा जन्माष्टमी को लेकर मनमोहक चैतन्य झांकी सजाई गई। उपस्थित लोगों ने श्री कृष्णा की जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में सद्गुण, प्रेम ,आंनद, खुशी, एकता को समाहित करने हेतु दृढ़ संकल्पित हुए। सेवा केंद्र की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके अनिता ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देते हुए उसके आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि मनुष्य-सृष्टिरुपी कल्पवृक्ष के चैतन्य बीजरूप स्वयं स्वयंभू निराकार परमपिता शिव परमात्मा है। उस चैतन्य बीज से सबसे पहले दो पत्त अंकुरित हुए-एक है श्रीकृष्ण और दूसरा है श्रीराधा और जैसे की आप जानते है की, एक कल्प में चार युग होते है - सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग, हर कल्प में सबसे पहला युग आता है सतयुग, जो वर्तमान समय चल रहे कलियुग के महाविनाश के बाद आता है। इस हिसाब से सतयुग के प्रथम राजकुमार श्रीकृष्ण होते हैं। उनका जन्मदिन हम सभी भारतीय 'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी' उत्सव के यादगार रूप में बड़े धूमधाम और श्रद्धा से मनाते है। जैसे की बताया गया है की, वर्तमान समय कलियुग चल रहा है। परन्तु यह न केवल कलियुग का समय चल रहा है अपितु यह कलियुग का भी अन्तिम समय चल रहा है। निकट भविष्य में समस्त पृथ्वीतल पर बडी उथल-पुथल हो महापरिवर्तन होनेवाला है, जिसके परिणाम स्वरुप इस घोर कलियुग का विनाश हो सतयुगी स्वर्णिम युग इस भारतवर्ष में साकार होने जा रहा रहा है। इस स्वर्णिम युग अर्थात मनभावन स्वर्ग में सर्वगुण संपन्न, 16 कला सम्पूर्ण, सम्पूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम, डबल-अहिसक प्रथम राजकुमार श्रीकृष्ण का शुभागमन होने जा रहा है। यह हम सभी भारतवासियों के लिए बेह्द हर्ष की बात है। अत: श्रीकृष्ण के पुण्यागमन के यादगार रुप में आज हम सभी यह 'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी' का त्योहार बहुत ही उमंग-उत्साह से मना रहे है। मनोहारी श्रीकृष्ण के साथ उसी सतयुगी स्वर्ग का राज्यभाग्य प्राप्त करना आप सभी का ईश्वरीय जन्म-सिद्ध अधिकार है। उसे शीघ्र-अतिशीघ्र अवश्य प्राप्त करें। मौके पर उपस्थित बी के संजय, कृष्णा, गुड्डू, उमेश, अरुण,भोले शंकर,सुरेंद्र, शंकर,विमला, मीठी,अनिता, दुर्गा, सावित्री,सोनी,रीता,मंजू, शारदा,सरोज,चम्पा, उषा, सोनी,कंचन, शांति आदि सैकड़ों लोगो ने श्री कृष्णा जन्माष्टमी झांकी का अवलोकन किए।

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