जैन मंदिर में हुई चातुर्मास की कलश स्थापना

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) दिगंबर जैन बड़ा मंदिर के सरस्वती भवन में सोमवार को 1

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:49 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:49 PM (IST)
जैन मंदिर में हुई चातुर्मास की कलश स्थापना
जैन मंदिर में हुई चातुर्मास की कलश स्थापना

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): दिगंबर जैन बड़ा मंदिर के सरस्वती भवन में सोमवार को 105 सौभाग्यमती माताजी ससंघ के चातुर्मास कलश की स्थापना की गई। समाज के लोगों ने गुरु मां के चरणों में श्रीफल अर्पित किया और झुमरीतिलैया में ही चतुर्मा वर्षा योग करने की प्रार्थना की। इसके बाद सौभाग्यमती माताजी ने चातुर्मास करने की स्वीकृति प्रदान की। जैन धर्म में प्रतिवर्ष बरसात के चार महीनों में पूरे भारतवर्ष में चातुर्मास होता है। जैन साधु-साध्वी इन दिनों में एक ही स्थान पर विराजमान रहते हैं। अपना आत्म कल्याण करते हैं और लोगों के बीच धर्म के मार्ग को प्रकाशित करते हैं। माताजी ने कहा कि यहां के लोग धर्म प्रिय और संत प्रिय हैं। जहां साधु श्रावक का मेल होता है, वहीं वर्षा योग होता है। चार महीने के इस वर्षा योग में मैं संयम की साधना करूंगी और लोगों के चारित्र को निखारूंगी। इसके पूर्व प्रात: विश्व शांति मंत्रों से अभिषेक शांतिधारा भक्तजनों ने की। चतुर्मास कमेटी के संयोजक नरेंद्र झाझंरी ने चार महीने तक होने वाले पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बताई और कहा कि यह चतुर्मास सभी के सहयोग से ऐतिहासिक होगा। चुन्नीलाल प्रदीप छाबड़ा परिवार ने झंडारोहण किया। निवर्तमान वार्ड पार्षद पिकी जैन ने आचार्य सिद्धांत सागर के चित्र का अनावरण किया। जयकुमार गंगवाल परिवार, महावीर कासलीवाल परिवार, प्रेम वीणा झाझंरी परिवार ने नगर गौरव मुनि श्री 108 निर्विकल्प सागर, मुनि श्री 108 प्रांजल सागर और माताजी के चित्रों का अनावरण किया। बाल ब्रह्मचारी संजय भैया ने शांति मंत्रों द्वारा भाग्यशाली पुण्यार्जक परिवारों से कलश की स्थापना करवाई। सम्यक दर्शन प्रथम कलश स्थापना धर्मनिष्ठ सुरेश- नरेंद्र झाझंरी परिवार, द्वितीय सम्यक ज्ञान कलश मूलचंद सुशीलजी छाबड़ा परिवार, तृतीय सम्यक ज्ञान कलश समाज के 21 परिवारों ने किया गया। आरती करने का सौभाग्य मुन्नाजी बाकलीवाल एवं संगीता बाकलीवाल परिवार को मिला। शास्त्र भेंट का सौभाग्य विमल बड़जात्या परिवार को मिला। माता जी को वस्त्र भेंट का सौभाग्य कमल सेठी परिवार को मिला।

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