अक्षय नवमी पर सुहागिनों ने की आंवला पेड़ की पूजा

कार्तिक माह शुक्ल पक्ष के अक्षय नवमी शुक्रवार को मनाई गई। सुहागिन महिलाएं आंवला पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना की। पेड़ के नीचे खाना बनाकर खाने की परंपरा है। इसको लेकर झुमरीतिलैया के सत्यनारायण मंदिर समेत कई अन्य मंदिरों में भी पूजा-अर्चना में महिलाएं शामिल हुई। सत्यनारायण मंदिर के पुजारी नवलकिशोर पांडेय ने बताया कि पेड़ के नीचे बैठने व खाना खाने से कष्ट दूर होता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 07:17 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:17 PM (IST)
अक्षय नवमी पर सुहागिनों ने की आंवला पेड़ की पूजा
अक्षय नवमी पर सुहागिनों ने की आंवला पेड़ की पूजा

झुमरीतिलैया (कोडरमा): कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जानेवाली अक्षय नवमी पर सुहागिन महिलाओं ने शुक्रवार को आंवला पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना की। इस दिन पेड़ के नीचे खाना बनाकर खाने की परंपरा है। इसको लेकर झुमरीतिलैया के सत्यनारायण मंदिर समेत कई अन्य मंदिरों में भी पूजा-अर्चना में महिलाएं शामिल हुई। सत्यनारायण मंदिर के पुजारी नवलकिशोर पांडेय ने बताया कि पेड़ के नीचे बैठने व खाना खाने से कष्ट दूर होता है। उन्होंने कहा कि अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। इस दिन शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति सेवा की जाती है उसका पुण्य कई जन्म तक प्राप्त होता है। अक्षय नवमी के दिन आंवला के वृक्ष में भगवान विष्णु व शिव जी का वास होता है। इसलिए अक्षय नवमी के दिन प्रात: उठकर आंवला वृक्ष के नीचे साफ-सफाई करनी चाहिए। इस अवसर पर महिलाओं को कथा भी सुनाई गई। कथा के उपरांत महिलाओं ने आंवला वृक्ष में मौली बांधकर 108 बार परिक्रमा की और इसे बाद महिलाओं ने कुष्मांड दान किया। उन्होंने कहा कि पूजा करने से 108 पीढ़ी का उद्धार होता है। अक्षय नवमी को भुआ के अंदर सोना-चांदी व द्रव्य दान करने से अक्षय की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर प्रेमा ¨सह, रीना ¨सह, टुना देवी, बेबी देवी, सपना ¨सह, उमा देवी, ज्योति देवी, संगीता देवी, राधा देवी, किरण देवी, रजनी देवी, प्रीति देवी, ¨पकी देवी, रचना देवी, मधु देवी आदि उपस्थित थीं।

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