पैगंबरे इस्लाम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाएं

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मोहम्मद साहब क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 04:56 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 04:03 AM (IST)
पैगंबरे इस्लाम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाएं
पैगंबरे इस्लाम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाएं

हमारे नबी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। वे किसी समुदाय के नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए संदेश लेकर आए। उनकी जयंती के मौके पर ढोल-बाजे के साथ जुलूस निकालने को शरीयत में कहीं से जायज नहीं ठहराया गया। इसलिए यह त्योहार पूरी सादगी के साथ मनाया जाएगा।

सलीम अहमद, जयनगर।

हम जहां रहें अपनी ईमान पर रहे हैं आपस में मतभेद को मिटाकर सच्चे मन से इंसानियत के लिए बेहतर सोचें। जिस देश में हम रहते हैं वहां की बेहतरी के लिए सोचना चाहिए। कोई मजहब आपस में बैर करना नहीं सिखाता। दूसरों की भावना का सम्म्मान करना ही असली धर्म है।

तसव्वर खान।

नबी करीम सल्लल्लाहो सल्लम की जिदगी हम सबके लिए एक रोशनी है एक रास्ता है। नबी यौमे पैदाइश पर हम रोजा, नमाज कर उन्हें एक तोहफा दे सकते हैं। जश्ने ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजाने से अल्लाह की रजा हासिल होती है।

फिरोज हयात खान।

जरा याद करें नबी ए करीम जाने से पहले बेटियों की क्या दशा थी, समाज के क्या हालात थे, लोग गुमराहियों में जिदगी बसर कर रहे थे। बुत पूजा कर रहे थे। प्यारे नबी सल्ला वसल्लम दुनिया में आए तो बेटियों को इज्जत मिलने लगी, बुत पूजा बंद हुई, गुलामों को अलग मुकाम हासिल हुआ।

ताहिर हुसैन।

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