बैंकों की सुस्ती से बेरोजगारों को नहीं मिल रहा अवसर

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए चलाए जा रहे प्रध

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:21 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:21 PM (IST)
बैंकों की सुस्ती से बेरोजगारों को नहीं मिल रहा अवसर
बैंकों की सुस्ती से बेरोजगारों को नहीं मिल रहा अवसर

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए चलाए जा रहे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का जिले में बुरा हाल है। बैंकों की उदासीनता के कारण लक्ष्य को 93 से घटाकर 77 कर दिया गया। इसके बावजूद चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम दौर में भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। वित्तीय वर्ष का अंतिम माह में भी 49 आवेदन बैंकों के पास ही पड़े हैं। समय-समय पर उपायुक्त ने योजना का शतप्रतिशत लाभ लोगों को पहुंचाने के लिए निर्देश भी दिए, लेकिन बैंक प्रबंधन पर इसका असर नहीं हो रहा है। कोविड 19 के कारण दूसरे राज्य में काम कर रहे लोगों को गांव लौटने को मजबूर होना पड़ा था। उन्हें रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से जोड़ने का निर्देश दिया गया था। वहीं लाभार्थी ऋण के लिए बैंकों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष में जिले का लक्ष्य 77 निर्धारित किया गया, जिसमें 2.79 करोड़ की ऋण सह अनुदान दिया जाना है। लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 44 लाभुकों को 77.00 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है। वहीं 37 लाभुकों को लगभग 70 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। योजना का उद्देश्य शिक्षित बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाना है। ::::::::::::: 279 आवेदन बैंकों के पास भेजे गए :::::::::::::

प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम की मानिटरिग के लिए डीसी की अध्यक्षता में गठित जिला साख समिति के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के तहत 279 आवेदन स्वीकृत किए गए। टास्क फोर्स कमेटी के समक्ष साक्षात्कार भी लिया गया। टास्क फोर्स व उद्योग विभाग ने सभी आवेदनों को अनुशंसा के साथ बैंकों में भेज दिया। बैंक स्तर से त्रु़टियां गिनाकर आवेदनों को लौटा दिया गया। वर्तमान में 49 आवेदन निष्पादन के लिए बैंकों में पड़े हैँ। इसमें बैंकों की सुस्ती खुलकर सामने आ रही है।

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चालू वित्तीय वर्ष में बैंकों के पास 279 आवेदन भेजे गए, जिसमें 44 लाभुकों का चयन किया गया और 49 आवेदन बैंकों में लंबित हैं। उपायुक्त स्तर से सभी बैंकों को दो-दो लाभुकों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन इस पर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। संबंधित बैंकों से संपर्क साध कर लक्ष्य पूरा करने को कहा जा रहा है।

सत्यनारायण प्रसाद, जिला उद्योग विस्तारक पदाधिकारी, कोडरमा

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