चिकित्सक ही पैनिक, पहले कोरोना जांच जिद में जा रही जान

संवाद सहयोगी कोडरमा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग कोरोना को लेकर लोगों से ज्यादा पैनिक नही

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 08:54 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 08:54 PM (IST)
चिकित्सक ही पैनिक, पहले कोरोना जांच जिद में जा रही जान
चिकित्सक ही पैनिक, पहले कोरोना जांच जिद में जा रही जान

संवाद सहयोगी, कोडरमा: जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग कोरोना को लेकर लोगों से ज्यादा पैनिक नहीं होने की अपील कर रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा पैनिक चिकित्सक ही हैं। मरीज चाहे सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो या अन्य किसी बीमारी से तड़पता। डॉक्टर अपना पल्ला झाड़ने के लिए सीधे पहले कोरोना जांच कराने की बात कह देते हैं। अब कोरोना जांच के लिए भटकते-भटकते मरीज की स्थिति नाजुक होती चली जाती है। यह सर्वविदित है कि कोरोना महामारी जिस तेजी से फैला है, उसमें सबके के लिए ऐहतियात जरूरी है, लेकिन यदि अस्पताल में गंभीर मरीज दर-दर भटकते हुए दम तोड़ दे, इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति कुछ हो नहीं सकती।

केस स्टडी 1:

कोडरमा

गुरुवार की देर शाम 35 वर्षीय युवक जब्बार अंसारी, पिता जलील अंसारी की मौत सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में हो गई। मिली जानकारी के अनुसार गिरिडीह के बेल्हारा निवासी जब्बार अंसारी को उल्टी की शिकायत पर करीब 7:30 बजे शाम कोडरमा सदर अस्पताल लाया गया। इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे चिकित्सक ने कहा की पहले कोरोना जांच कराओ, तभी इलाज जो पाएगा। तत्पश्चात मरीज के साथ आये उसके मित्र व रिश्तेदारों ने जब कोविड जांच घर का रुख किया तो, लैब टेक्नीशियन ने यह कह कर जांच करने से मना कर दिया की शाम हो गई है अब जांच कल सुबह होगी। मरीज की हालत बिगड़ते देख परिजनों ने उपस्थित चिकित्सक व लैब टेक्नीशियन के सामने हाथ जोड़ें मिन्नतें करते रहे, पर किसी का दिल नहीं पिघला। इस दौरान करीब एक घंटे तक उसके परिजन कभी सीएस ऑफिस, कभी इमरजेंसी वार्ड, तो कभी कोविड जांच घर के चक्कर लगाते रहे, पर किसी ने इनकी पीड़ा नहीं सुनी और फिर सदर अस्पताल के गेट पर ही युवक ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। केस स्टडी 2::::

बुधवार को भी सदर अस्पताल में एक बुजुर्ग की जान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण चली गई थी। सांस की तकलीफ लेकर आए कोडरमा सदर अस्पताल में 52 घंटे बाद तक इलाज यह कह कर नहीं किया गया था, कि पहले कोरोना जांच करवा कर लाएं, फिर इलाज किया जाएगा। सरकार व अस्पताल प्रशासन भले ही बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करता हो, पर हकीकत कुछ और है। कोरोना काल के दूसरे फेज में कोविड अस्पताल में भर्ती 6 लोगों की जान चली गई। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि स्वास्थ्य व्यवस्था खुद बीमार है, पहले इसे इलाज की जरूरत है। केस स्टडी 3:::

थाना क्षेत्र अंतर्गत कोडरमा गिरिडीह मार्ग स्थित लोकाई मंदिर के समीप बाइक सवार युवक अनियंत्रित होकर घायल हो गया। घायल की पहचान विजय कुमार 22 वर्ष, पिता नारायण सिंह के रूप में की गई। बाइक सवार युवक कोडरमा से डोमचांच जा रहा था, इसी क्रम में लोकाई के समीप बाइक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सूचना पाकर एसआइ सुमित कुमार दल बल के साथ पहुंचे और घायल युवक को सदर अस्पताल पहुंचाया। पर सदर अस्पताल में चिकित्सक, कर्मी के द्वारा कहा गया की पहले कोरोना जांच करवाएं। इसके बाद एक पुलिस के द्वारा पत्रकार को कॉल कर कहा गया की सड़क दुर्घटना में घायल युवक का इलाज नहीं हो रहा है, कुछ करें।

chat bot
आपका साथी