ओम पैथोलॉजी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना

गांव से लेकर शहर तक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लगातार सरकार के फोकस से प्रशासन रेस हो गया है। सरकारी के साथ-साथ नियम को तोड़ने वाले निजी क्लनिक पैथोलॉजी ग्रामीण चिकित्सक पर नकेल कसा जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन ने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 07:57 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 08:01 PM (IST)
ओम पैथोलॉजी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना
ओम पैथोलॉजी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना

संवाद, सहयोगी, कोडरमा: गांव से लेकर शहर तक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने को लेकर प्रशासन रेस हो गया है। सरकारी के साथ-साथ नियम को तोड़ने वाले निजी क्लिनिक, पैथोलॉजी, ग्रामीण चिकित्सक पर नकेल कसा जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन ने कई अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। समाहरणालय सभागार में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में हुई पीसीपीएनडीटी की बैठक में सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए गए। बिना निबंधन के पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड आदि को बंद करने का निर्देश दिया गया। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध भी नियमित जांच अभियान चलाया जाएगा। बैठक में कोडरमा जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड एवं क्लिनिक की निबंधन समेत कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि शीला रानी अल्ट्रासाउंड के निबंधन करने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसपर पर प्रक्रिया के साथ निबंधन करने का निर्णय लिया गया। वहीं सिविल सर्जन कार्यालय को निबंधन के लिए पल्स डायग्नोसिस, वन पॉइंट डायग्नोसिस और मैक्स डायग्नोसिस द्वारा दिये गये आवेदनों पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने सिविल सर्जन को प्राप्त आवेदनों पर चिकित्सकों की कागजातों की जांच करने के बाद निबंधन की प्रक्रिया अपनाने को कहा। वहीं पूर्व में सील किए गए सहारा अल्ट्रासाउंड एवं राहत अल्ट्रासाउंड का सील खोलकर डीआइएमसी एवं विशेषज्ञ के द्वारा मशीन की जांच कराकर अगली बैठक तक प्रतिवेदन मांगा गया। समिति के द्वारा झुमरीतिलैया स्थित ओम पैथोलॉजी को गैर निबंधित तरीके से संचालित करने के मामले को लेकर 50 हजार जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। साथ ही कोडरमा में हाल के दिनों सील किये गये पवन पांडेय के क्लिनिक मामले में उपायुक्त ने संबंधित चिकित्सक की चिकित्सकीय डिग्री की जांच कराने एवं कागजात वैध नहीं पाये जाने की स्थिति में प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया। सूर्या जांचघर सतगावां एवं अपोलो जांचघर चंदवारा को सील मुक्त करते हुए संबंधित जांचघरों को स्थायी रूप से बंद करने का निर्देश दिया गया। वही गायत्री अस्पताल से संबंधित मामलों पर सिविल सर्जन को मंतव्य के साथ संचिका में अग्रसारित करने को कहा। इस मौके पर उप विकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी, निदेशक डीआरडीए, अपर समाहर्ता अनिल तिर्की, सिविल सर्जन पार्वती कुमारी नाग, अनुमंडल पदाधिकारी विजय वर्मा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी नरेश कुमार रजक समेत विभिन्न अल्ट्रासाउंड एवं क्लिनिक के संचालक मौजूद थे।

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