मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही जिले की महिलाएं

जिले के मुरहू प्रखंड के महिला किसान मशरूम उत्पादन को स्वरोजगार का माध्यम बनाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:50 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 08:50 PM (IST)
मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही जिले की महिलाएं
मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही जिले की महिलाएं

जागरण संवाददाता, खूंटी : जिले के मुरहू प्रखंड के महिला किसान मशरूम उत्पादन को स्वरोजगार का माध्यम बनाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। प्रखंड में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 300 सखी मंडल की दीदियों को शनिवार को नौ हजार आयस्टर मशरुम बैग्स उपलब्ध कराए गए। स्वयं सहायता समूह की दीदियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। ताकि सभी समूह की दीदियों को बेहतर विकल्प दिया जा सके। साथ ही ग्रामीण महिलाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के साथ आर्थिक सहायता भी मुहैया करायी जा सके। एसएचजी समूह की महिलाएं व्यापक स्तर पर मशरूम की खेती कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संबल प्रदान करने का काम कर रही हैं। महिलाओं को मशरूम उत्पादन के कार्य से जोड़ा जा रहा है जो सफल साबित हो रहा है। मौके पर मशरूम उत्पादन की विभिन्न जानकारियों से स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को अवगत कराया गया है। साथ ही ऑयस्टर मिल्की, बटन, मशरूम की पैदवार व इससे होने वाले मुनाफे की जानकारी व इसके बाजार उपलब्धता की जानकारी भी दी गई। इसके अतिरिक्त मशरूम प्रशिक्षण से पहले अधिकांश महिलाएं व लाभार्थी घरेलू गतिविधियों में लगी हुई थीं और कृषि गतिविधियों में पुरुष सदस्यों की सहायता भी करती थीं जिसमें मुख्य रूप से धान की खेती शामिल है, लेकिन मशरूम की खेती से अब वो आत्मनिर्भर होने में सफल हो रही हैं। मशरूम एक उच्च उपज और तेजी से बढ़ने वाली फसल है और पोटेशियम, लौह, प्रोटीन इत्यादि का बड़ा स्त्रोत है। जिले में उपलब्ध संसाधनों, विपणन अवसर की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए पलाश ब्रांड के तहत पैकेजिग करने की योजना है। स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने बताया कि मशरूम की खेती अपनाने के बाद अच्छी आमदनी भी हो रही है। बच्चों की पढ़ाई व रहन-सहन में काफी बदलाव आया है। इससे आजीविका में वृद्धि हो रही है।

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