प्रतिमा विसर्जन के साथ ही खूंटी में शारदीय नवरात्र संपन्न

शारदीय नवरात्र पर स्थापित देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही हर्षोल्लास के साथ दुर्गोत्सव संपन्न हो गया। जिला मुख्यालय खूंटी समेत जिले के विभिन्न भागों में दशहरा का त्योहार सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:46 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:46 PM (IST)
प्रतिमा विसर्जन के साथ ही खूंटी में शारदीय नवरात्र संपन्न
प्रतिमा विसर्जन के साथ ही खूंटी में शारदीय नवरात्र संपन्न

खूंटी : शारदीय नवरात्र पर स्थापित देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही हर्षोल्लास के साथ दुर्गोत्सव संपन्न हो गया। जिला मुख्यालय खूंटी समेत जिले के विभिन्न भागों में दशहरा का त्योहार सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। शुक्रवार को दशमी तिथि के दिन शहर के कर्रा रोड स्थित पुरातन चौधरी मंडप, मुख्य पथ स्थित हरी मंदिर और मिश्रा टोली में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन विधि-विधान से किया गया। वही शहर के प्रमुख नेताजी चौक, भगत सिंह चौक, मिश्रा टोली, बाजार टांड़, तोरपा रोड, पिपरा टोली आदि मोहल्लों के पूजा पंडालों की प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार को शहर के विभिन्न तालाबों में किया गया। कोरोना को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के कारण प्रतिमाओं का विसर्जन जुलूस इस बार भव्य तरीके से नहीं निकाला गया। साथ ही ना तो मेला का आयोजन हुआ ना ही रावण दहन का कार्यक्रम हुआ। इससे पूर्व गुरुवार को नवमी तिथि के दिन मां भवानी के दर्शनार्थ लोगों की भीड़ पंडालों में उमड़ पड़ी। शाम से लेकर देर रात तक लोगों की भीड़ से शहर के मुख्य पथ सहित अन्य मार्ग अटे पड़े रहे। शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन किया गया था लेकिन महामारी में आस्था भारी नजर आया। पंडालों का अवलोकन करने आए अधिकांश लोगों में कोरोना का कोई डर नजर नहीं आया, अधिकांश लोग बिना मास्क के ही नजर आए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए विभिन्न पंडालों सहित अन्य सभी मार्गों में दंडाधिकारियों के साथ समुचित मात्रा में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। नवमी के दिन उपायुक्त शशी रंजन और पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुख्य पथ में पैदल भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया।

विसर्जन की पुरातन परंपरा बरकरार

शहर के कर्रा रोड स्थित चौधरी मंडप में स्थापित देवी दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन की परातन परंपरा बरकरार है। इस वर्ष भी प्रतिमा का विसर्जन कंधे पर ढोकर तालाब ले जाकर किया गया। उल्लेखनीय है की कर्रा रोड चौधरी मंडप में प्रतिष्ठित प्रतिमा का विसर्जन बगडू गांव के मुंडा समुदाय के आदिवासी जन अपने कांधे पर ढोकर करते हैं। श्रद्धालु पहले प्रतिमा को कंधे में ढोकर शहर परिक्रमा कराने के बाद चौधरी तालाब ले जाकर पारंपरिक रूप से विसर्जन किए।

सिदूर खेला के बाद दी मां को विदाई

स्थानीय मुख्य पथ स्थित श्री हरि मंदिर में बुधवार को बंगाली परंपरा के अनुसार देवी दुर्गा को विदाई दी गई। अपराजिता पूजा के बाद महिलाओं ने माता को सिदूर लगाया। इसके बाद सिदूर खेला हुआ। इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने एक-दूसरे को सिदूर लगाकर उनके सदा सुहागन रहने की कामना की। महाष्टमी के मौके पर यहां स्थापित देवी आद्याशक्ति महामाया की पूजा-अर्चना बंगाली परंपरा के अनुसार हुआ। रात को संधि पूजा के बाद कुष्मांड की बलि दी गई। नवमी पर हवज-पूजन के बाद शारदीय नवरात्र का समापन हुआ। वहीं दशमी के दिन दशमी पूजा के बाद अपराजिता पूजा हुआ। इसके बाद महिलाओं ने माता की विदाई के पूर्व उनका श्रृंगार किया।

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