युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रही खूंटी की विजेता

तमाम संघर्षों से जूझते हुए खूंटी की बेटी विजेता हस्सा पूर्ति अपने लक्ष्य को हासिल कर खुशहाल जिदगी जी रही है। उन्होंने जीवन में आए कठिनाइयों को कभी भी अपने पर हावी नहीं होने दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 08:42 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 08:42 PM (IST)
युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रही खूंटी की विजेता
युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रही खूंटी की विजेता

खूंटी : तमाम संघर्षों से जूझते हुए खूंटी की बेटी विजेता हस्सा पूर्ति अपने लक्ष्य को हासिल कर खुशहाल जिदगी जी रही है। उन्होंने जीवन में आए कठिनाइयों को कभी भी अपने पर हावी नहीं होने दिया। दरअसल विजेता हस्सा पूर्ति खूंटी के एक मध्यम वर्गीय परिवार से है। उनके कंधों पर दो भाई और तीन बहनों की पढ़ाई और उनकी देखरेख की जिम्मेदारी थी। उन्होंने समस्याओं का सामना करते हुए इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जीवन-यापन के लिए कई साक्षात्कार दिए, लेकिन उचित प्रशिक्षण नहीं लेने के कारण उनमें कौशल में कमी थी।

विजेता के जीवन में सकारात्मक दिशा तब आई जब उन्हें दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, खूंटी द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण के बारे में जानकारी मिली। उनके गांव की बैठक में प्रशिक्षण केंद्र के परामर्शदाताओं द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विषय में विस्तृत जानकारियां साझा की थी, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय- ग्रामीण कौशल योजना, खूंटी केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया। विजेता का लक्ष्य था कि वो फ्लेबोटोमी तकनीशियन के रूप में कार्य करें और इसके लिए उसे प्रशिक्षण लेना था। परामर्शदाताओं से जानकारी लेने के बाद उन्होंने फ्लेबोटोमी कोर्स के लिए दाखिला लिया। साथ ही उन्होंने अच्छे विश्लेषणात्मक और समस्या-समाधान को प्रदर्शित कर बेहतर रूप से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा साथ ही पारस्परिक कौशल को भी विकसित करने में मदद मिली। संस्थान में युवाओं को उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का एक अनूठा तरीका है। इनमें वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करते हुए प्रभावशाली रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है।

वर्तमान में विजेता रमैया मेमोरियल अस्पताल, बेंगलुरु में सहायक नर्स के रूप में काम करती हैं। उन्हें 12 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। विजेता को अब भरोसा है कि वो अपने साथ-साथ अपने भाई-बहनों को भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा कर उनका भविष्य उज्ज्वल बना सकती है। विजेता हस्सा पूर्ति बताती हैं कि उन्हें ना केवल रोजगार, बल्कि उनमें आत्मनिर्भर जीवन के लिए आत्मविश्वास भी मिला है। जिला प्रशासन महिलाओं के लिए एक सशक्त समाज व आत्मनिर्भर भविष्य के सपनों को साकार की दिशा में काम कर रही है। जिला प्रशासन व जेएसएलपीएस के सहयोग से महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करने के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं। युवा महिलाओं के लिए एक सफल उदाहरण प्रस्तुत करती हैं खूंटी की विजेता।

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